Indian Army

पाकिस्तान के राज्य प्रायोजित कुछ तत्व हथियारों‚ गोला–बारूद और नकदी की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने की कोशिश कर‚ जम्मू–कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की मदद कर रहे हैं।

ड्रोन हमले के पीछे आतंकवादी संगठन लश्कर–ए–तैयबा का हाथ बताया गया और अब खुलासा हुआ है कि ड्रोन हमले में इस्तेमाल आईईडी को पाकिस्तान की फैक्टरी में तैयार किया गया था।

दुश्मनों को देखते ही गोली बरसाने का ऑर्डर होता है। मशीनगन और रायफल्स से रात के वक्त जवानों द्वारा की गई फायरिंग में ज्यादात्तर सही निशाने पर नहीं लगते। 

सुरक्षाबलों को इलाके में आतंकियों (Militants) के छिपे होने की जानकारी मिली थी जिसके बाद सेना की 22 आरआर, एसओजी सोपोर और सीआरपीएफ 179, 177 और 92 बटालियन की एक संयुक्त टीम ने वारपोरा में घर-घर में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया।

Indo-China War: 1962 के दौरान चीनी सेना ने जगह-जगह पोस्ट और सड़क का निर्माण कर दिया था जिसके जवाब में भारतीय सेना ने भी पोस्ट बना ली थी।

भारतीय शस्‍त्र सेनाओं की सर्वोच्‍च कमान भारत के राष्‍ट्रपति के पास है। राष्‍ट्र की रक्षा का दायित्‍व मंत्री मंडल के पास होता है। इसके निर्वहन रक्षा मंत्रालय से किया जाता है। 

रक्षा मंत्रालय ने इसे सरकार के ‘आत्मनिर्भर अभियान' की दिशा में बड़ा कदम बताया। बताया जा रहा है कि अधिकतम दूरी की मारक क्षमता के लिए इस मिसाइल (Akash-NG) का पहले ही सफल परीक्षण हो चुका है।

सतवारी के एयर फोर्स स्टेशन और पास के ही मशहूर पीर बाबा की दरगाह के ऊपर एक के बाद एक दो ड्रोन (Drone) उड़ते दिखाई दिए। इसने फिर पाक की भारत विरोधी कुत्सित चालों व बदनियति को बेनकाब किया है।

पाकिस्तानी सेना के जवान कारगिल की सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पहाड़ियों पर कब्जा जमाकर बैठ गए थे। केंगुर्से और उनकी टीम को चढ़ाई कर इन पोस्टों को दुश्मनों से वापस छीनना था।

सीमा पर तैनात जवान व अफसर हाई अलर्ट पर हैं। सीमा पार से आने वाले ड्रोन (Drone) को लेकर भी अति सतर्कता बरती जा रही है।

सेना के विश्वसनीय इनपुट के आधार पर तलाशी अभियान शुरू किया गया, जिसके कारण हाइवे से करीब 700 मीटर दूर 30 किलोग्राम आईईडी बरामद किया गया।

पाकिस्तान और भारत के बीच अबतक चार युद्ध लड़े जा चुके हैं। हर बार पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान हर बार हार कर फिर से भारत के सामने लड़ता है और हारता है।

आतंकी मीर से की गई पूछताछ के आधार पर उसके चार आतंकी साथियों (Militants) को भी गिरफ्तार किया गया। इन चारों की पहचान जहूर गनी‚ उमर फारूक वानी‚ फैजान कयूम गनी और शाहनवाज अहमद मीर के रूप में की गई है।

Territorial Army Officer Recruitment 2021: भारतीय सेना (Indian Army) में नौकरी पाने का सपना देखने वाले युवकों के लिए टेरिटोरियल आर्मी ज्वॉइन करने का सुनहरा मौका है।

Indian Army: सरहद पर ड्यूटी के दौरान जवानों के दिमाग में बस दिमाग में यह होता है कि सब कुछ शक से देखें, अलर्ट रहें और दुश्मन को घुसने न दें।

Indian Army: जवान जंगलों में बंकर बनाकर रहते हैं। बंकर किसी भी हमले से तो बचाता ही है साथ ही दुश्मनों को इन बंकरों को ढूंढना भी आसास नहीं होता।

1967 में भारत और चीन के बीच संबंध पहले से तनावपूर्ण थे। नाथू ला से सेबु ला दर्रे के साथ सीमा पर कंटीले तार लगाने से चिढ़कर चीनियों ने भारतीय जवानों के साथ धक्का-मुक्की की थी। 

यह भी पढ़ें