कैप्टन केंगुर्से: कारगिल युद्ध में दुश्मनों पर पड़े थे भारी, शहीद होकर देश का सिर कर गए ऊंचा

पाकिस्तानी सेना के जवान कारगिल की सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पहाड़ियों पर कब्जा जमाकर बैठ गए थे। केंगुर्से और उनकी टीम को चढ़ाई कर इन पोस्टों को दुश्मनों से वापस छीनना था।

Captain Neikezhakuo Kenguruse

Captain Neikezhakuo Kenguruse

Kargil War 1999: पाकिस्तानी सेना के जवान कारगिल की सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पहाड़ियों पर कब्जा जमाकर बैठ गए थे। केंगुर्से और उनकी टीम को चढ़ाई कर इन पोस्टों को दुश्मनों से वापस छीनना था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) में कैप्टन एन केंगुर्से (Captain Neikezhakuo Kenguruse) ने अहम भूमिक निभाई थी। पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हमारे इस वीर सपूत ने आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ी थी। पाकिस्तान को युद्ध में भारी नुकसान झेलना पड़ा था।

केंगुर्से (Captain Neikezhakuo Kenguruse) के इस युद्ध में दिए गए योगदान को हर देशवासी सलाम करता है। दरअसल, केंगुर्से और उनके अन्य साथियों को नॉल, थ्री पिंपल्स, ब्लैक रॉक और प्वाइंट 4700 को दुश्मन के कब्जे से छीनना था।

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पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) के जवान कारगिल (Kargil) की सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पहाड़ियों पर कब्जा जमाकर बैठ गए थे। केंगुर्से और उनकी टीम को चढ़ाई कर इन पोस्टों को दुश्मनों से वापस छीनना था। कैप्टन केंगुर्से बहुत संकरे रास्ते से पहाड़ी पर चढ़ रहे थे। उन्होंने ऊपर रस्सी फेंक दी थी।

इसी दौरान पाकिस्तानी सैनिक ऊपर से पत्थर फेंकने लगे। केंगुर्से ने आनन-फानन जूते उतारे। शायद इनकी वजह से उन्हें कोई दिक्कत आ रही थी। फिर वह तेजी से ऊपर चढ़े और दुश्मन पर टूट पड़े। बंदूक, चाकू से कई दुश्मनों को ढ़ेर करने के बाद वह गोलियों का निशाना बन गए। मरणोपरांत उन्हें ‘महावीर चक्र’ का सम्मान दिया गया।

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कारगिल युद्ध (Kargil War) करीब 40 दिन चला लेकिन जैसा की हर युद्ध में देखने को मिलता है दोनों देशों को इसका नुकसान झेलना पड़ता है। किसी को कम तो किसी को ज्यादा। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) के अपने 527 जवानों को खो दिया था।

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