गोवा में हुआ INNSAEI का पहला साहित्य सम्मेलन, ज्ञानपीठ अवॉर्डी दामोदर मौजो ने बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत

INNSAEI जर्नल के पहले साहित्य सम्मेलन में ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता (Jnanpith Awardee) और कोंकणी के जाने-माने साहित्यकार दामोदर मौजो (Damodar Mauzo) ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की।

INNSAEI International Literature Festival

INNSAEI के साहित्य सम्मेलन में उपस्थित अतिथि

INNSAEI (इंसाई) का पहला दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव और सम्मेलन-2022 (IILFC22), गोवा में संपन्न हुआ। यह सम्मेलन (INNSAEI International Literature Festival) 18 अगस्त और 19 अगस्त, 2022 को गोवा के कानकोन स्थित DPM (ज्ञान प्रबोधिनी मंडल) के मल्लिकार्जुन और चेतन मंजू देसाई कॉलेज में आयोजित किया गया। इस सम्मेनल में ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता (Jnanpith Awardee) और कोंकणी के जाने-माने साहित्यकार दामोदर मौजो (Damodar Mauzo) ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की।

बता दें कि INNSAEI एक इंग्लिश लिटरेचर जर्नल है जिसमें कविताएं, शॉर्ट-स्टोरीज, फिक्शनल और नॉन-फिक्शनल स्टोरीज, अंग्रेजी साहित्य जगत से संबंधित खबरें, रिव्यू, पेंटिंग और फोटोग्राफी के अलावा किताबों के बारे में जानकारियां छपती हैं।

कोंकणी साहित्य जगत की ये मशहूर हस्तियां रहीं मौजूद

INNSAEI जर्नल का यह पहला साहित्य सम्मेलन अंग्रेजी साहित्य प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन अनुभव रहा। सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के साथ जाने-माने चित्रकार भास्कर हांडे (Bhaskar Hande) और कोंकणी साहित्य जगत के मशहूर लेखक और साहित्य अकादमी (Sahitya Akademi) से नवाजे जा चुके देवीदास आर कदम (Devidas R Kadam) के अलावा कला और साहित्य जगत की कई अन्य हस्तियां भी मौजूद थीं। इस इंटरनेशनल लिट. फेस्ट की शुरुआत आर्ट गैलरी के उद्घाटन के साथ हुई। आर्ट गैलरी में बेहतरीन पेंटिंग और फोटोग्राफी की झलक देखने को मिली। INNSAEI जर्नल के संपादकीय बोर्ड की सदस्या डॉ. संजू कुमारी पाल द्वारा बनाए गए चित्रों ने सबका मन मोह लिया।

सम्मेलन में हुए कई किताबों के विमोचन

इस दो दिवसीय सम्मेलन (INNSAEI International Literature Festival) में कई सत्र आयोजित किए गए थे। इस दौरान जाने-माने प्राध्यापकों की अध्यक्षता में भारत के विभिन्न राज्यों के शोधार्थियों ने शोधपत्र प्रस्तुत किए। साथ ही कई पुस्तकों के विमोचन भी किए गए। इन पुस्तकों में INNSAEI के संस्थापकों अरबिंदु गंगा द्वारा संकलित और संपादित ‘SOUVENIRS OF BEST INDIAN POETRY IN ENGLISH OF 2021’ और डॉ. तेजस्विनी पाटिल की हिंदी कविताओं का संग्रह ‘कायनात’ शामिल रहीं। साथ ही डॉ. राजश्री बांदोड़कर कारापुरकर की बच्चों की किताब ‘YES…THAT’S CHINKY!’ का भी विमोचन हुआ।

INNSAEI’s first literary conference held in Goa, Jnanpith Awardee Damodar Mauzo graced the event

जल्द ही शुरू होगी एक नई बहुभाषी पत्रिका

INNSAEI के पहले कविता संग्रह, LILITH: An Inner Voice (Vol. I & II) के पुस्तक कवर का अनावरण भी इस दौरान हुआ। साहित्य सम्मेलन में INNSAEI के संस्थापकों अरबिंदु गंगा और डॉ. तेजस्विनी पाटिल द्वारा जल्द ही शुरू की जाने वाली एक नई बहुभाषी पत्रिका ‘मातृअक्षर’ के नाम, लोगो और वेबसाइट का भी अनावरण किया गया।

कई श्रेणियों में दिए गए पुरस्कार

सम्मेलन के दौरान INNSAEI के प्रथम विश्व साहित्य पुरस्कारों 2020-21 का आयोजन भी हुआ जिसमें अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कार दिए गए। इनमें सर्वश्रेष्ठ कविता – तेजी सेठी (भारत), बेस्ट फिक्शन – दुसान पेजाकोविच (मोंटेनेग्रो), बेस्ट नॉन-फिक्शन – बिंदू (भारत), सर्वश्रेष्ठ लघु कहानी- सोनिया नायर (भारत), सर्वश्रेष्ठ निबंध- डॉन लुबोव (यूएसए), सर्वश्रेष्ठ संस्मरण- रश्मि रेखा धर (भारत), सर्वश्रेष्ठ भाव – नौशाद सफरोन (भारत) और सर्वश्रेष्ठ कृति- दुसान पेजाकोविच (मोंटेनेग्रो) को सम्मानित किया गया।

मौजो, हांडे और आर कदम को मिला खास सम्मान

इसके अलावा, PEACE AND HUMANITY AWARD के तहत हिलेरी मैंगा (केनिया) को बच्चों और विश्व शांति के लिए उनके उत्कृष्ट मानवीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। साहित्य सम्मेलन में दामोदर मौजो, भास्कर हांडे और देवीदास आर कदम को साहित्य में उनके योगदान के लिए INNSAEI की ओर से खासतौर पर सम्मानित किया गया। पुरस्कार समारोह में संगीत और नृत्य के जरिए गोवा की संस्कृति की सुंदर झलक देखने को मिली।

कविताओं के साथ हुआ समापन

अंत में अंग्रेजी, हिंदी, कोंकणी, असमी और अन्य भाषाओं में कविताओं की प्रस्तुति हुई। इस दो दिवसीय सम्मेलन (INNSAEI International Literature Festival) में अलग-अलग सत्रों की अध्यक्षता रोमानिया के प्रोफेसर लिगिया तोमोयागा, इटली के प्रोफेसर ल्यूसिला ट्रैपाज़ोल और संजू कुमारी पाल ने की। संचालन आर्या देसाई और सिमरन घाशी ने किया। इस लिटरेचर फेस्ट के आयोजन में मल्लिकार्जुन और चेतन मंजू देसाई कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मनोज एस कामथ सहित कॉलेज प्रशासन और सभी स्टाफ की अहम भूमिका रही।

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