सच के सिपाही

वीरता पुरस्कारों में सबसे बड़ पुरस्कार 'परमवीर चक्र' होता है। असाधारण बहादुरी के लिए ये पुरस्कार दिया जाता है। अबतक कुल 21 सैनिकों को यह दिया जा चुका है।

पाकिस्तानी सेना ने 1971 के दौरान पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में जमकर हाहाकार मचाया था। सैकड़ों निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। पाकिस्तानी सेना की इन हरकतों से पूर्वी पाकिस्तान में विद्रोह की लहर बढ़ती जा रही थी।

बांग्लादेश (Bangladesh) की आजादी में भारत की अहम भूमिका रही है। बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में भारतीय सेना (Indian Army) ने सीधे पाकिस्तानी सैनिकों से टक्कर ली थी।

चीन-भारत के बीच एक लंबी सीमा है जो नेपाल और भूटान के के पास फैली हुई है। 1962 में चीनी सेना पूर्वी सीमा पर बर्मा और भूटान के बीच नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर पर थी।

'परमवीर चक्र' (Param Vir Chakra) सर्वोच्च सैन्य सम्मान है। इसके लिए सेना ने कुछ शर्तें रखी हैं। जो जवान इन शर्तों को पूरा करता है उसे ही इससे नवाजा जाता है।

ऑपरेशन को बांग्लादेश की आजादी के नायक शेख मुजीबुर रहमान के 6 प्वाइंट का फॉर्मूला पाकिस्तान सरकार के सामने रखने के बाद शुरू किया गया था।

यह पल भारतीय और बांग्लादेश के सैन्य इतिहास का सर्वाधिक यादगार पल में से एक है। एक तरफ भारत की मजबूत और पुरानी सेना तो दूसरी तरफ बांग्लादेश की नई सेना थी।

इयान कार्डोजो के मुताबिक पाकिस्तान के एक युद्धबंदी सर्जन मेजर मोहम्मद बशीर को उनका ऑपरेशन करने का आदेश मिला था। जिसके बाद उन्होंने ऑपरेशन करवाया।

हमारे जवान सीमा पर देश को बाहरी दुश्मनों से तो बचाते ही हैं, साथ ही देश के अंदर होने वाले आतंकी हमलों से भी हमारी रक्षा करते हैं। ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए इनकी विशेष यूनिट बनाकर इन्हें खास तरह की ट्रेनिंग दी जाती है।

सलामी स्लाइसिंग एक तरह की टुकड़े-टुकड़े नीति है, इसका इस्तेमाल करके चीन पहले किसी क्षेत्र में अपना दावा करता है, फिर वह अपनी बात दोहराता रहता है।

भारतीय सेना (Indian Army) का शौर्य हम सभी जानते हैं। दुश्मन तो हमारी सेना के पराक्रम को अच्छी तरह जानता है। आज जानते हैं भारतीय सेना से जुड़ी ऐसी जबरदस्त बातें जो आपको शायद ही पता हों...

कई सालों तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव रह चुके शक्ति सिन्हा ने अपनी किताब 'Vajpayee: The Years That Changed India' में इस बात का खुलासा किया है।

Indian Army vs Pakistani Army: दोनों देशों के बीच कश्मीर और सियाचिन के मुद्दे पर ही युद्ध लड़े गए हैं। पहला युद्ध आजादी के तुरंत बाद 1948 में लड़ा गया था।

संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीरी आवाम से वोट करने की बात कही कि वे किसके साथ रहना चाहते हैं। इसपर भारत के पक्ष में वोट जाता देख पाकिस्तान ने सीजफायर की बात मानी।

भारत कहता आया है कि 1947 में हुए विलय के आधार पर पूरा जम्मू कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है। 'गिलगित-बाल्टिस्तान' इलाका उसी राज्य में शामिल है। 

चीन के लिए कहा जाता है कि वह गरीब देशों को इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में मदद करने के नाम पर अपने कर्ज के जाल में फंसा रहा है।

Indian Army: अक्सर सुनने में आता है कि चीन ने याक भेज दिया या पाकिस्तानी कबूतर सीमा के पास पकड़ा गया। सेनाएं ऐसे में काफी अलर्ट रहती हैं।

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