पाकिस्तान का ऑपरेशन ‘सर्च लाइट’ और सैकड़ों लोगों की मौत, फिर भारतीय सेना की एंट्री; जानें पूरी कहानी

पाकिस्तानी सेना ने 1971 के दौरान पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में जमकर हाहाकार मचाया था। सैकड़ों निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। पाकिस्तानी सेना की इन हरकतों से पूर्वी पाकिस्तान में विद्रोह की लहर बढ़ती जा रही थी।

Indian Army

War of 1971

पाकिस्तानी सेना की ज्यादती से पूर्वी पाकिस्तान में विद्रोह की लहर बढ़ती जा रही थी। पूर्वी पाकिस्तान की सेना मुक्तिवाहिनी की मदद कर भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी।

पाकिस्तानी सेना ने 1971 के दौरान पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में जमकर हाहाकार मचाया था। सैकड़ों निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। महिलाओं से रेप किया जाता था। पाकिस्तानी सेना की इन हरकतों से पूर्वी पाकिस्तान में विद्रोह की लहर बढ़ती जा रही थी।

पाकिस्तान में 1970 का चुनाव बांग्लादेश के लिए अहम था। इस चुनाव में बांग्लादेश की आजादी के नायक शेख मुजीबुर्रहमान को भारी जीत मिली और वह सरकार बनाने की कवायद में थे। मुजीबुर्रहमान को गिरफ्तार कर लिया गया था। आजादी का आंदोलन दिन ब दिन तेज होता जा रहा था। जैसे-जैसे आंदोलन तेज होता जा रहा था पाकिस्तानी सेना का कहर भी बढ़ता जा रहा था।

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पाकिस्तानी सेना ने 25 मार्च, 1971 को ढाका और आसपास के क्षेत्र में कार्रवाई शुरू कर दी थी। इसे ऑपरेशन ‘सर्च लाइट’ नाम दिया गया। मकसद था पूर्वी पाकिस्तान में हिंसा फैलाना और आजादी के आंदोलन को दबाना। इस ऑपरेशन में सैकड़ों लोग मौत के घाट उतार दिए गए।

पूर्वी पाकिस्तान में लोग भय में थे और भारत में शरणार्थी संकट बढ़ने लगा। इससे भारत पर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया। एक करोड़ से ज्यादा पूर्वी पाकिस्तान के लोग भारत में घुस चुके थे। तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेने की ठान ली। सही समय चुनकर पूर्वी पाकिस्तान की सेना मुक्तिवाहिनी की मदद कर भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी।

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सैम मानेकशॉ के नेतृत्व में 1971 का भारत-पाक युद्ध लड़ा गया और 1971 में 16 दिसंबर के दिन बांग्लादेश नाम के देश का औपचारिक गठन हुआ। पाकिस्तान को भारत के खिलाफ लड़ने और अपने ही प्रांत में अत्याचार फैलाने से भारी नुकसान हुआ।

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