Indian Army ने हर बार दी पटखनी, फिर भी नहीं मानता पाकिस्तान

Indian Army vs Pakistani Army: दोनों देशों के बीच कश्मीर और सियाचिन के मुद्दे पर ही युद्ध लड़े गए हैं। पहला युद्ध आजादी के तुरंत बाद 1948 में लड़ा गया था।

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Indian Army vs Pakistani Army: दोनों देशों के बीच कश्मीर और सियाचिन के मुद्दे पर ही युद्ध लड़े गए हैं। पहला युद्ध आजादी के तुरंत बाद 1948 में लड़ा गया था। 

भारत और पाकिस्तान के बीच अबतक चार बार युद्ध लड़े जा चुके हैं। पाकिस्तान हर बार मुंह की खाने के बाद फिर से हमारे खिलाफ लड़ने आ जाता है। वह हर बार हारा है लेकिन सुधरा कभी नहीं। दोनों देशों के बीच कश्मीर और सियाचिन के मुद्दे पर ही युद्ध लड़े गए हैं। पहला युद्ध आजादी के तुरंत बाद 1948 में लड़ा गया था।

पाकिस्तान कश्मीर चाहता था लेकिन तत्कालीन सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया और हमारी सेना (Indian Army) ने पाकिस्तानी घुसपैठियों और उनकी सेना को बुरी तरह हराया। इसके बाद 1965 में फिर पाकिस्तान भारत के खिलाफ जंग के मैदान में उतरा और हार का घर लौटा। इसके ठीक पांच साल बाद बांग्लादेश की आजादी के लिए भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जंग के मैदान में उतरी।

…जब भारत के पक्ष में वोट जाता देख पाकिस्तान ने 1949 में सीजफायर की बात मानी

पाकिस्तान को हराकर हमने उसके दो टुकड़े कर दिए और पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) का गठन हुआ। तीन युद्ध में हार के बाद भी पाकिस्तान थका नहीं और वह 1999 के कारगिल युद्ध में भारत से भिड़ गया।

फरवरी महीने में ठंड के चलते कारगिल क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाएं आपसी सहमति पीछे हट जाती हैं लेकिन तत्कालीन पाक सेना के जनरल परवेज मुशर्रफ ने सैनिकों को कारगिल के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों में भेजकर कब्जा करवा दिया था।

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लेकिन हमारी सेना (Indian Army) ने पाकिस्तानी को बुरी तरह से खदेड़ा और जीत हासिल की। अगर ये कहा जाए कि पाकिस्तान दुनिया का इकलौता देश है जो हार के बाद भी शर्मिंदा नहीं होता तो गलत नहीं होगा।

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