क्यों जानवरों से जासूसी करवाते हैं दुश्मन? जानें सेना कैसे निपटती है

Indian Army: अक्सर सुनने में आता है कि चीन ने याक भेज दिया या पाकिस्तानी कबूतर सीमा के पास पकड़ा गया। सेनाएं ऐसे में काफी अलर्ट रहती हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर।

Indian Army: अक्सर सुनने में आता है कि चीन ने याक भेज दिया या पाकिस्तानी कबूतर सीमा के पास पकड़ा गया। सेनाएं ऐसे में काफी अलर्ट रहती हैं। हर षड्यंत्र पर भारतीय सुरक्षा बलों की नजर बनी हुई रहती है। 

भारत अपने पड़ोसी देशों से सटी सीमाओं पर काफी चौकस रहता है। भारतीय सेना (Indian Army) किसी भी सूरत में बॉर्डर पर ढील नहीं देती है। एक चूक के चलते दुश्मनों के पास कई अहम जानकारियां पहुंच जाती है। चीन और पाकिस्तान अक्सर भारत की जासूसी के लिए जानवरों का इस्तेमाल करते हैं।

जानरों के जरिए जासूसी के इतिहास को देखें तो कई ऐसे प्रमाण मिलते हैं जिससे पता चलता है कि जानवरों और पक्षियों का जासूसी में इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह एक सफल तरीका माना जाता है। जानवरों से मिले इनपुट को दुश्मन देश के खिलाफ बदले की कार्रवाई में इस्तेमाल किया जाता रहा है।

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अक्सर सुनने में आता है कि चीन ने याक भेज दिया या पाकिस्तानी कबूतर सीमा के पास पकड़ा गया। सेनाएं ऐसे में काफी अलर्ट रहती हैं। हर षड्यंत्र पर भारतीय सुरक्षा बलों की नजर बनी हुई रहती है। इस दौरान सेना के हाथ लग जाने के बाद इन जानवरों के कई टेस्ट किए जाते हैं।

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इससे यह पता लगाया जाता है कि कहीं दुश्मन देश ने इनपर कोई खुफिया यंत्र तो फिट नहीं किया या फिर कोई संदिग्ध वस्तु तो नहीं फिट की हुई। अगर शक खरा नहीं उतरता तो मानवता के लिहाज से इन जानवरों को असल मालिकों तक पहुंचा दिया जाता है। दरअसल, अक्सर ऐसा भी होता है जब जानवर गलती से भारतीय सीमाओं में घुस जाते हैं।

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