1962 के युद्ध के बाद भारत ने कई बार खोई है अपनी जमीन, जानें क्या है सलामी स्लाइसिंग

सलामी स्लाइसिंग एक तरह की टुकड़े-टुकड़े नीति है, इसका इस्तेमाल करके चीन पहले किसी क्षेत्र में अपना दावा करता है, फिर वह अपनी बात दोहराता रहता है।

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सलामी स्लाइसिंग (Salami Slicing) एक तरह की टुकड़े-टुकड़े नीति है, इसका इस्तेमाल करके चीन पहले किसी क्षेत्र में अपना दावा करता है, फिर वह अपनी बात दोहराता रहता है।

भारत और चीन के बीच काफी सालों से सीमा विवाद जारी है। चीन (China) से हम 1962 में भी युद्ध भी लड़ चुके हैं। चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता और समय-समय पर हमारी जमीन पर कब्जा कर लेता है। 1962 के युद्ध के बाद भारत ने कई बार अपनी जमीन खोई है।

चीन ऐसा सलामी स्लाइसिंग (Salami Slicing) के जरिए करता है। चीनी आर्मी इसके जरिए अबतक भारतीय सीमा पर कई जमीन हड़प चुकी है। ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिरकार ये सलामी स्लाइसिंग क्या है?

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सलामी स्लाइसिंग एक तरह की टुकड़े-टुकड़े नीति है, इसका इस्तेमाल करके चीन पहले किसी क्षेत्र में अपना दावा करता है, फिर वह अपनी बात दोहराता रहता है। कुछ समय के बाद उसका प्रतिद्वंद्वी या तो उसके दावे को स्वीकार कर लेता है, या विरोध तेज कर देता है।

चीन हमेशा से विस्तारवाद की नीति पर चलता आया है। भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी वह इसी रणनीति के तहत समुद्र से लेकर जमीन तक हड़प रहा है। 1950 से लेकर अबतक चीन अपना यही तरीका अपनाता आया है। चीन को सबक सीखाने के लिए हमारे जवान हमेशा तत्पर रहते हैं।

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जब सामने वाला विरोध तेज कर देता है तो वह फोर्स का इस्तेमाल कर अपना दावा और मजबूत कर जमीन हड़प लेता है। इस प्रॉसेस को फॉलो कर चीन अबतक कई बार हमारी जमीन को अपना बना चुका है। इस वजह से सीमा पर कई सालों से विवाद जस का तस बना हुआ है।

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