…जब भारत के पक्ष में वोट जाता देख पाकिस्तान ने 1949 में सीजफायर की बात मानी

संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीरी आवाम से वोट करने की बात कही कि वे किसके साथ रहना चाहते हैं। इसपर भारत के पक्ष में वोट जाता देख पाकिस्तान ने सीजफायर की बात मानी।

Civilian Killings

Kashmir Issue: संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीरी आवाम से वोट करने की बात कही कि वे किसके साथ रहना चाहते हैं। इसपर भारत के पक्ष में वोट जाता देख पाकिस्तान ने 1949 में सीजफायर की बात मानी।

भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर (Kashmir) के लिए तीन बार युद्ध हो चुका है। पाकिस्तान (Pakistan) को हर बार हार का मुंह देखना पड़ा है। क्या आपको पता है 1949 में एक वक्त ऐसा भी आया था जब पाकिस्तान ने भारत के पक्ष में वोट जाता देख 1949 में सीजफायर की बात मान ली थी।

दरअसल, कश्मीर (Kashmir) का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र (UN) के समक्ष था। संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के बाद पाकिस्तान को एक तरह से झुकना पड़ा औ इसके पीछे एक डर था। वह डर यह था कि संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों के बीच सहमति बनाने की कोशिश की और फिर सीजफायर की बात कही।

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इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीरी आवाम से वोट करने की बात कही कि वे किसके साथ रहना चाहते हैं। इसपर भारत के पक्ष में वोट जाता देख पाकिस्तान ने 1949 में सीजफायर की बात मानी।

पाकिस्तान को लग चुका था कि अगर वह गलती करेगा तो पाकिस्तान पर कभी दावा नहीं ठोक सकेगा। क्योंकि वोटिंग होती है तो ज्यादात्तर कश्मीरी भारत के पक्ष में वोट करेंगे। ऐसे में इंटरनेशनल लेवल पर वोटिंग को मान्यता मिलेगी और फिर वह किसी के आगे दावा नहीं ठोक सकेगा।

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इस वजह से पाकिस्तान ने सीजफायर विकल्प को चुना। नतीजन वह आज भी कश्मीर पर अपना दावा ठोकता है। हालांकि, पाकिस्तान का यह सपना कभी पूरा नहीं हो सकेगा क्योंकि आर्टिकल-370 हटाकर कश्मीर को अब भारत का अभिन्न हिस्सा बना दिया गया है।

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