Kargil War 1999: कंधों पर हथियार और अन्य सामान रख रस्सियों के सहारे पहाड़ की चढ़ाई करते थे जवान
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) में भारतीय सेना (Indian Army) ने दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा था।
थर्ड डिग्री टॉर्चर: सच निकलवाने के लिए होता है इसका इस्तेमाल, जानें इसके बारे में
Indian Army: थर्ड डिग्री बेहद ही खतरनाक होता है। इसके जरिए आतंकियों को बुरी तरह से मारा-पीटा जाता है और अलग-अलग तरह से दर्द दिए जाते हैं।
हथियार के तौर पर लोहे की रॉड का इस्तेमाल करती है चीनी सेना, इस पर लगी होती हैं कीलें
चीनी सेना (Chinese Army) भारतीय सेना (Indian Army) के खिलाफ झड़प के दौरान लोहे की रॉड का इस्तेमाल करती है। इन रॉड पर कीलें लगी होती हैं।
बांग्लादेश के साथ इतना लंबा बॉर्डर शेयर करता है भारत, ये हैं विवाद की मुख्य वजहें
भारत-बांग्लादेश सीमा पहाड़ों, मैदानों, जंगलों और नदियों से होकर गुजरती है। ये सरहदी इलाके सघन आबादी वाले हैं और इसकी सुरक्षा का जिम्मा सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ के पास है।
आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे पहुंचे जैसलमेर, पोखरण फायरिंग रेंज में लिया सेना की तैयारियों का जायजा; देखें PHOTOS
भारतीय सेना (Indian Army) के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General MM Naravane) एक दिन के दौरे पर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर (India-Pakistan border) पर स्थित जैसलमेर पहुंचे।
जम्मू कश्मीर: 24 घंटे में कई पाक ड्रोनों ने की घुसपैठ की कोशिश, जवानों की फायरिंग के बाद भागे
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ऐसे ड्रोन (Drone) का इस्तेमाल जम्मू कश्मीर की सीमा में छिपे अपने आतंकियों को हथियार पहुंचाने के अलावा ड्रग्स और पैसे पहुंचाने के लिए करता है।
भारतीय सेना में 147 महिला SSC अधिकारियों को दिया गया स्थायी कमीशन, कुल संख्या पहुंची 424
बुधवार को भारतीय सेना (Indian Army) में 147 और महिला शार्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया गया।
पहाड़ी युद्ध के लिए Indian Army सबसे अनुभवी, कारगिल वॉर में हो चुका है साबित
पर्वतीय क्षेत्र लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच भी कई बार भिड़ंत हो चुकी है। इस दौरान भी भारतीय सेना ने अपना लोहा मनाया है।
घुसपैठ कर चीनी सैनिक फैलाते हैं अशांति, सीमा पर चौकस रहकर हर चाल की जाती है नाकाम
पूर्वी तुर्किस्तान, तिब्बत, इनर मंगोलिया, ताइवान, हॉन्गकॉन्ग और मकाउ पर की कई जमीन पर चीन का कब्जा है। ऐसा चीन घुसपैठ और बलपूर्वक किया है।
जम्मू कश्मीर: भारतीय सीमा में पाक ड्रोनों की घुसपैठ लगातार जारी, BSF ने उड़ती हुई चीज पर चलाई गोलियां
दो जुलाई को भी पाकिस्तान के क्वाडकॉप्टर (Drone) ने अरनिया सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की थी, लेकिन बीएसएफ के जवानों द्वारा गोली चलाए जाने के बाद वह पीछे हट गया था।
भारतीय सेना ने चीन के साथ मौजूदा झड़प की खबरों को निराधार बताया, कहा- चीन के साथ सैन्य समझौता कायम
सेना की ओर से बताया गया कि दोनों पक्षों के बीच समाधान को लेकर बातचीत जारी है और संबंधित क्षेत्रों में नियमित तौर पर पेट्रोलिंग की जा रही है। सीमा पर अब तक हालात सामान्य हैं।
1962 भारत-चीन युद्ध में हमारी हार हुई थी, पर इसके 5 साल बाद ड्रैगन को मिली थी पटखनी
1967 में भारत और चीन के बीच ऐसा आखिरी सैन्य संघर्ष हुआ था जिसमें दोनों तरफ के सैनिक मारे गए थे। 1967 के युद्ध में चीन के 400 सैनिक मारे गए तो भारत के सिर्फ 90 सैनिक शहीद हुए थे।
‘हमने सोच रखा था कुछ भी हो जाए दुश्मन को नुकसान पहुंचाकर ही रहेंगे’, जानें कारगिल योद्धा का अनुभव
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था।
जम्मू कश्मीर: जल्द ही DRDO की एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी से लैस होंगे प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठान, 15 अगस्त से पहले हमले की फिराक में पाकिस्तान
पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर लश्कर–ए–तैयबा‚ जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन अब ड्रोन के जरिए भी बड़े हमलों (Drone Attack) को अंजाम देने की फिराक में हैं।
लंबी यात्रा के दौरान खाने की ये चीजें साथ रखते हैं सैनिक, ताकत के साथ मिलती है भरपूर ऊर्जा
Indian Army Diet: लंबी यात्रा के दौरान जवानों के पास स्पेशल तरह की डाइट होती है जिसे सत्तू की लिट्टी कहते हैं। सत्तू की लिट्टी के बेहद ज्यादा फायदे होते हैं।
जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए 23 साल के जवान जसवंत रेड्डी, शनिवार को गांव पहुंचा जवान का पार्थिव शरीर
आतंकवाद विरोधी अभियान में गुरुवार को अपनी जान गंवाने वाले सेना के जवान जसवंत रेड्डी (Jaswanth Reddy) का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
Kargil War: जंग के वक्त सैनिक को मदद कैसे मिल पाती है? नायक दीपचंद की जुबानी जानें उनका अनुभव
युद्ध में नायक दीपचंद ने भी हिस्सा लिया था। उन्होंने युद्ध से जुड़े उन दिनों के अपने अनुभव को साझा किया है। उन्होंने यह भी बताया था कि जंग के दौरान सैनिकों को खाने पीने की मदद कैसे मिल रही थी।