जम्मू कश्मीर: जल्द ही DRDO की एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी से लैस होंगे प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठान, 15 अगस्त से पहले हमले की फिराक में पाकिस्तान

पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर लश्कर–ए–तैयबा‚ जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन अब ड्रोन के जरिए भी बड़े हमलों (Drone Attack) को अंजाम देने की फिराक में हैं।

Air Force Station

प्रतिकात्मक तस्वीर

जम्मू के सतवारी स्थित वायु सेना स्टेशन (Air Force Station) के टेक्निकल परिसर पर पिछली 27 जून को ड्रोन हमले (Drone Attack) के बाद लगातार बढ़ रही चुनौतियों के बीच सुरक्षा एजेंसियां अब सर्वाधिक संवेदनशील प्रतिष्ठानों की शिनाख्त करने में लगी हैं। ये वो संस्थान हैं‚ जो भारत-पाक सीमा और सरहद से 15 से 20 किलोमीटर के दायरे में आते हैं। यहां आने वाले दिनों में एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी को स्थापित किया जाएगा।

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सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के डीआरडीओ (DRDO) की ओर से इस एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी को तैयार कर लिया गया है। शुरुआती दौर में इसकी स्थापना सामरिक महत्व के संस्थानों पर की जाएगी। बताया गया कि यह एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी काफी महंगी है।

सूत्रों के मुताबिक, जिस प्रकार पाकिस्तान की ओर से पिछली 27 जून को सतवारी स्थित एयरफोर्स स्टेशन (Air Force Station) के टेक्निकल परिसर में दो ड्रोन में आरडीएक्स लगाकर हमला (Drone Attack) किया गया‚ उसके बाद सीमा पार से ड्रोन के भारतीय सीमा के अतिक्रमण करने का लगातार सिलसिला बना हुआ है‚ जो कि भविष्य के बड़े खतरे की तरफ इशारा कर रहा है।

सूत्रों ने यह भी आशंका जाहिर की है कि पाक में बैठे आतंकी आकाओं की ओर से आगामी 15 अगस्त से पहले यहां ड्रोन के जरिए भी बड़े हमले (Drone Attack) किए जा सकते हैं। इसे देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां लगातार अपनी रणनीति बनाने में लगी हैं।

आतंकवादियों (Militants) के निशाने पर जम्मू शहर के भी कई इलाके हो सकते हैं। ऐसे में अत्याधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों के अलावा रघुनाथ मंदिर जैसे ऐतिहासिक धार्मिक स्थल व जम्मू रेलवे स्टेशन के समीप इंडियन आयल कारपोरेशन‚ हिंदुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम के तेल के डिपो भी हो सकते हैं।

ज्ञात हो कि जम्मू रेलवे स्टेशन पर कई साल पहले दो बार बड़े आत्मघाती हमले हो चुके हैं। सूत्रों का मानना है कि अभी हाल में खुफिया जानकारी मिलने पर जम्मू पुलिस ने जम्मू रेलवे स्टेशन के अलावा रघुनाथ मंदिर के आसपास अभियान चलाया था। बताया गया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर लश्कर–ए–तैयबा‚ जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन अब ड्रोन के जरिए भी बड़े हमलों (Drone Attack) को अंजाम देने की फिराक में हैं।

जम्मू वायु सेना स्टेशन (Air Force Station) का टेक्निकल परिसर भारत पाक सीमा के मकवाल से महज 14 किलोमीटर दूर और आरएस पुरा सेक्टर से करीब 20-22 किलोमीटर दूर है। बताया गया कि पाकिस्तान की दिशा से ड्रोन के जरिए करीब 25 बार सरहद का अतिक्रमण किया जा चुका है। इस दौरान पाकिस्तान की दिशा से यहां ड्रोन के जरिए हथियार व ड्रग्स की कई खेपें भेजी जा चुकी हैं। पिछले दिनों नियंत्रण रेखा के समीप का जिला राजौरी के अलावा अखनूर में भी ड्रोन के जरिए कई बार हथियार व ड्रग्स की तस्करी की जा चुकी है।

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