थर्ड डिग्री टॉर्चर: सच निकलवाने के लिए होता है इसका इस्तेमाल, जानें इसके बारे में

Indian Army: थर्ड डिग्री बेहद ही खतरनाक होता है। इसके जरिए आतंकियों को बुरी तरह से मारा-पीटा जाता है और अलग-अलग तरह से दर्द दिए जाते हैं।

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Indian Army: थर्ड डिग्री (third degree torture) बेहद ही खतरनाक होता है। इसके जरिए सच उगलवाले के लिए आतंकियों को बुरी तरह से मारा-पीटा जाता है और अलग-अलग तरह से दर्द दिए जाते हैं।

भारतीय सेना (Indian Army) के नाम से ही दुश्मन थर-थर कांप उठते हैं। भारतीय सीमा यानी एलओसी (LoC) और एलएसी (LAC) पर सेना के सामने सबसे बड़ी चुनौती घुसैपठियों और आतंकवादियों की होती है। सेना के सामने हर दिन चुनौती होती है कि वे सीमा की सुरक्षा कैसे करें।

कई बार तो आतंकियों को रंगे हाथों पकड़ लिया जाता है। कई आतंकी सच उगलने में काफी देर लगाते हैं तो कई आतंकी जल्दी बता देते हैं। ऐसे में जो आतंकी या घुसपैठिए सटीक जवाब नहीं देते और जांच में सहयोग नहीं करते उन्हें सेना द्वारा थर्ड डिग्री (third degree torture) दिया जाता है। थर्ड डिग्री बेहद ही खतरनाक होता है। इसके जरिए आतंकियों को बुरी तरह से मारा-पीटा जाता है और अलग-अलग तरह से दर्द दिए जाते हैं।

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आतंकियों को इस कदर प्रताड़ित किया जाता है कि वे एक-एक सच इसके बाद खुद ही बता देते हैं। थर्ड डिग्री के दौरान आतंकियों को करंट के झटके दिए जाते हैं, रस्सियों से बांधकर एक डंडे के सहारे लटका दिया जाता है। कुछ ही घंटों में आतंकियों के लिए खड़ा रहना मुश्किल हो जाता है।

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आधिकारिक रुप से पुलिस अब इन हथकंडो को इस्तेमाल नहीं करती लेकिन कई बार खूंखार अपराधियों पर इन्हें छिपते-छिपाते प्रयोग में लाया जाता है। हालांकि, इस दौरान इसका पूरा ख्याल रखा जाता है कि अपराधी की मौत न हो क्योंकि वह मर गया तो कई जानकारियां उसके साथ ही दफन हो जाएंगी।

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