ड्रोन के जरिए हमला कर रहे आतंकवादी, जानें क्या है यह टेक्नोलॉजी
ड्रोन (Drone) के जरिए आतंकी एलओसी के पास आस-पास मौजूद जगहों को टारगेट कर सकते हैं। ड्रोन ज्यादा दूर तक उड़ान नहीं भर सकते हैं लिहाजा एलओसी के आस-पास के एरिया में ही इनके जरिए हमले किए जा सकते हैं।
दुनिया की सबसे पॉवरफुल मिलिट्री: दुनिया में हमारा नंबर चौथा, जानें भारतीय सेनाओं के पास कितनी ताकत है
दुनिया की ताकतवर सेनाओं की बात होती है तो हमारा नंबर चौथे स्थान पर होता है। हमसे पहले यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका, रूस और चीन की सेनाएं आती हैं। वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान 10वें स्थान पर है।
लद्दाख: चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है भारतीय सेना, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात की गई है टैंक रेजीमेंट
भारत-चीन (China) के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव अभी पूरी तरह कम नहीं हुआ है। ऐसे में भारतीय सेना की टैंक रेजीमेंट इस क्षेत्र में ऑपरेशन के लिए पूरी तरह तैयार है।
भारतीय सेना में सूबेदार हैं ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा, सेना प्रमुख ने दी बधाई
जापान की राजधानी टोक्यो में चल रहे ओलंपिक गेम्स में भारत को एथलेटिक्स में पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) की चर्चा हर तरफ हो रही है।
सेना द्वारा समय-समय पर दुश्मनों को दी जाती है चेतावनी, डिप्लोमेटिक स्तर पर भी घेरने की रहती है कोशिश
थल सेना अध्यक्ष हों या फिर वायुसेना या नेवी चीफ, हर कोई अपनी तरह से चेतावनियां देते हैं। इनके अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भी चेतावनियों के जरिए दुश्मनों को सोचने पर मजबूर करते हैं।
देश को नुकसान पहुंचाने के मकसद से घुसपैठिए करते हैं बार्डर क्रॉस, जानें कैसे खदेड़ते हैं जवान
देश को नुकसान पहुंचाने के मकसद से घुसपैठिये चुपचाप बार्डर में घुसने का प्रयास करते हैं। उन्हें रोकने के लिए हमारे जवान किसी भी चुनौती का सामना करने से पीछे नहीं हटते।
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने दक्षिणी कमान का दौरा किया, देखें PHOTOS
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General MM Naravane) ने 6 अगस्त को दक्षिणी कमान का दौरा किया और रक्षा निर्माण में लगी बड़ी निजी कंपनियों के इंजीनियरिंग अनुसंधान केंद्र और रणनीतिक प्रणाली परिसर की समीक्षा की।
खतरे को देखते हुए सीमा पर बढ़ाई और घटाई जाती है सैन्य शक्ति, जानें ये क्यों है जरूरी
Indian Army: सैन्य शक्ति को बढ़ाने का सीधा मतलब यह है कि सैनिकों की संख्या में इजाफा किया जाता है और इसके साथ ही एडवांस कैटिगरी के हथियारों को तैनात कर दिया जाता है।
दुश्मन की हर नापाक चाल पर नजर रखती है सेना, माइनस 30 डिग्री तापमान में भी पीछे नहीं हटते कदम
Indian Army: कई बार ऐसा होता है कि ठंड लगने से सैनिकों की मौत हो जाती है या फिर वह बीमार पड़ जाते हैं। इन इलाकों में रहना अपने आप में ही हर दिन मौत से लड़ने जैसा होता है।
आतंकी साजिश ऐसे की जाती है नाकाम, देश की इंटेलिजेंस और सैनिक रहते हैं अलर्ट
Indian Army: सेनाएं और पुलिस हमेशा अलर्ट रहते हैं। किसी भी शक को भांपकर ऐसी आतंकी साजिशों को नाकाम किया जाता है। सैनिकों को खुली छूट होती है कि वे ऐसी साजिशों को किसी भी कीमत पर विफल करें।
सीमा पर कई इलाकों में जम जाती है 5 फीट तक बर्फ, फिर भी मौर्चे पर डटे रहते हैं जवान
Line of Control: एलओसी से सटे इलाकों में सर्दियों में बर्फ पड़ती है। वहीं सियाचिन एक ऐसा इलाका है जहां हमेशा बर्फ रहती है और तापमान माइनस 50 डिग्री तक रहता है।
Indian Army ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर और दतिया जिलों के बाढ़ में फंसे लोगों को बचाया, देखें PHOTOS
भारतीय सेना (Indian Army) देश की रक्षा के साथ-साथ नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी निभाती है। इंडियन आर्मी देश के लोगों की हर संभव मदद के लिए तत्पर रहती है।
आतंकी संगठनों के साथ मिलकर ISI ने बनाया हमले का मास्टर-प्लान, 15 अगस्त से पहले घुसपैठ के लिए 162 आतंकी तैयार
पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 27 नए आतंकी लॉन्च पैड सक्रिय किए हैं‚ जिससे 15 अगस्त से पहले जम्मू–कश्मीर में घुसपैठ में मदद मिल सके।
कश्मीर के गुरेज में रहता है हिमस्खलन का खतरा, फिर भी देश की सुरक्षा में तैनात रहते हैं सेना के जवान
Indian Army: उत्तरी कश्मीर का गुरेज इलाका सैनिकों के बलिदान और साहस का परिचय देता है। यह एक ऐसा इलाका है जहां पर हिमस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है।
राजस्थान: बाड़मेर की बेटी ने किया सूबे का नाम रोशन, भारतीय सेना में बनीं राज्य की पहली महिला लेफ्टिनेंट
पश्चिमी राजस्थान (Rajasthan) में भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर की बेटी प्यारी चौधरी ने सेना में लेफ्टिनेंट पद पर तैनात होकर सूबे का ही नहीं बल्कि देश का नाम रौशन किया है।
जम्मू कश्मीर: अखनूर इलाके में एक बड़ा सैन्य हादसा टला, नदी में अभ्यास कर रहे 5 जवानों की नाव पाकिस्तान पहुंची
नाव पर सवार जवानों (Soldiers) ने तो पहले उस पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन नदी के तेज बहाव के कारण नाव पाकिस्तान बॉर्डर की तरफ तेजी से जाने लगी। ऐसे में जवानों ने नाव को छोड़ नदी में कूदना ही बेहतर समझा।
1971 भारत-पाक युद्ध के 50 साल पूरे होने पर स्वर्णिम विजय मशाल सियाचिन ग्लेशियर पहुंची
बाना चौकी से इस विजय मशाल को इंदिरा सीओएल ले जाया गया। यह सियाचिन ग्लेशियर (Siachen Glacier) का सबसे उत्तरी प्वाइंट है, यहां सेना के जवानों ने पूरे गर्मजोशी के साथ इसे प्राप्त कर स्थापित किया।