सेना द्वारा समय-समय पर दुश्मनों को दी जाती है चेतावनी, डिप्लोमेटिक स्तर पर भी घेरने की रहती है कोशिश

थल सेना अध्यक्ष हों या फिर वायुसेना या नेवी चीफ, हर कोई अपनी तरह से चेतावनियां देते हैं। इनके अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भी चेतावनियों के जरिए दुश्मनों को सोचने पर मजबूर करते हैं।

Indian Army

सांकेतिक तस्वीर

Indian Army: थल सेनाध्यक्ष हों या फिर वायुसेना या नेवी चीफ, हर कोई अपनी तरह से चेतावनियां देते हैं। इनके अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भी चेतावनियों के जरिए दुश्मनों को सोचने पर मजबूर करते हैं।

भारतीय सेना (Indian Army) के जवान दिन रात कड़ी मेहनत कर दुश्मनों से देश को बचाने में लगे रहते हैं। भारतीय सेना किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार रहती है। सेना के शीर्ष अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दुश्मनों को चेतावनी दी जाती है।

इन चेतावनियों के काफी मायने होते हैं। इन चेतावनियों को कोई दुश्मन हल्के में नहीं लेता। भारतीय सेना (Indian Army) की ताकत का अंदाजा सभी को है। अब हमारी सेना डंके की चोट पर वार करती है।

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चीन और पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते बेहतर नहीं रहे हैं। ऐसे में इन देशों की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए हमारे जवानों के साथ-साथ शीर्ष अधिकारी भी हमेशा तैयार रहते हैं।

थल सेना अध्यक्ष हों या फिर वायुसेना या नेवी चीफ, हर कोई अपनी तरह से चेतावनियां देते हैं। इनके अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भी चेतावनियों के जरिए दुश्मनों को सोचने पर मजबूर करते हैं।

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दरअसल, भारत को चीन और पाकिस्तान से खतरा रहता है, ऐसे में एक चेतावनी दुश्मनों की किसी भी तरह की प्लानिंग को बदलने या टालने पर मजबूर कर देती है। दुश्मनों को डिप्लोमेटिक स्तर पर भी घेरने की कोशिश रहती है।

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इसके लिए राजनयिक स्तर पर एक देश दूसरे देश पर दबाव बनाता है। भारत ऐसा करने में माहिर है और वह अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर दुश्मनों को घेरने में कोई कमी नहीं छोड़ता।

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