दुश्मन की हर नापाक चाल पर नजर रखती है सेना, माइनस 30 डिग्री तापमान में भी पीछे नहीं हटते कदम

Indian Army: कई बार ऐसा होता है कि ठंड लगने से सैनिकों की मौत हो जाती है या फिर वह बीमार पड़ जाते हैं। इन इलाकों में रहना अपने आप में ही हर दिन मौत से लड़ने जैसा होता है।

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Indian Army: कई बार ऐसा होता है कि ठंड लगने से सैनिकों की मौत हो जाती है या फिर वह बीमार पड़ जाते हैं। इन इलाकों में रहना ही अपने आप में हर दिन मौत से लड़ने जैसा होता है।

लद्दाख एक ऐसी जगह हैं जहां चीन और भारत की सेना (Indian Army) आमने-सामने आ जाती हैं। बीते कुछ सालों में यहां पर सीमा विवाद कुछ ज्यादा ही बढ़ चुका है। यहां का तापमान माइनस 30 डिग्री तक पहुंच जाता है।

इतनी कड़ाके की ठंड में पहरा देना और किसी भी खतरे से निबटना अपने आप में युद्ध लड़ने जैसा होता है। दुश्मन की हर नापाक चाल पर नजर रखी जाती है। कई बार ऐसा होता है जब सैनिक आपसी सहमति से ऐसी विकट परिस्थितियों को देखते हुए पीछे हो जाते हैं।

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ऐसा बातचीत के जरिए संभव हो पाता है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि जब बातचीत से हल नहीं निकलता। ऐसे में सैनिक कड़ाके की ठंड में भी डटे रहते हैं। क्योंकि किसी भी सूरत में देश की रक्षा जो करनी होती है।

हालांकि, इस दौरान कई बार ऐसा होता है कि ठंड लगने से सैनिकों की मौत हो जाती है या फिर वह बीमार पड़ जाते हैं। इन इलाकों में रहना अपने आप में ही हर दिन मौत से लड़ने जैसा होता है।

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हमारे जवानों ने कई मौकों पर चीनी सैनिकों को ऐसे इलाकों से पीछे हटने पर मजबूर किया हुआ है। पैगॉन्ग में हिलोरे मारने वाली झील का पानी भी ठंड में जमकर बर्फ बनने लगता है, जिससे इलाके में ठंड के कोहराम का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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