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जल्द ही छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) के अति नक्सल प्रभावित कैंपों में एंटी ड्रोन सिस्टम (Anti Drone System) लगा दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में पुलिस नक्सलियों (Naxalites) द्वारा उपयोग किए जा रहे ड्रोन (Drone) के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम (Anti Drone System) की तलाश कर रही है। इसके लिए कई कंपनियों से बात का जा रही है। एंटी ड्रोन सिस्टम लगाकर जवान नक्सलियों के ड्रोन की वेबलेंग्थ व फ्रीक्वेंसी को खराब कर सकते हैं।
इलेक्ट्रानिक माध्यम से उन्हें जाम भी किया जा सकता है और मारकर गिराया भी जा सकता है। बता दें कि नक्सलियों द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल सुरक्षाबलों के लिए नई चुनौती बन गया हैं। जल्द ही बस्तर के अति नक्सल प्रभावित कैंपों में एंटी ड्रोन सिस्टम (Anti Drone System) लगा दिया जाएगा।
बस्तर के आइजी सुंदरराज पी के अनुसार, नक्सली ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं, जो नई चुनौती है। हमारे कैंपों के ऊपर कई बार ड्रोन देखे गए हैं। जल्द ही हम संवेदनशील कैंपों में एंटी ड्रोन सिस्टम लगाने पर विचार कर रहे हैं। हमारी कई कंपनियों से बात चल रही है।
दरअसल, नक्सली सुरक्षाबलों के कैंपों के आसपास भी नहीं फटक पाते हैं। पर कैंप के दायरे में क्या गतिविधियां चल रही हैं, वहां कितने लोग और कितने हथियार हैं, आदि की जानकारी लेने के लिए वे ड्रोन का उपयोग करते हैं। बीते दो साल से इस बात की पुख्ता जानकारी मिल रही है। पिछले साल ही सुकमा जिले के पालोड़ी और किस्टारम कैंपों के ऊपर ड्रोन देखे गए थे।
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कुछ महीने पहले ही सुकमा जिले के अति संवेदनशील मिनपा में स्थापित कैंप के ऊपर भी ड्रोन देखे गए। जवानों ने उनका पीछा किया, पर ड्रोन कहां से संचालित किए जा रहे हैं, इसका पता नहीं लगाया जा सका। पुलिस अफसरों का अनुमान है कि ड्रोन का संचालन कोई ऐसा व्यक्ति कर रहा है, जिसे इंजीनियरिंग तकनीक की पूरी जानकारी है।
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इसके बाद अब नक्सलियों की टोह लेने के लिए फोर्स भी ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। फोर्स के पास देशी और विदेशी कई ड्रोन हैं। दूरस्थ इलाकों के कैंपों से जंगल में ड्रोन उड़ाकर पता किया जाता है कि नक्सली कहां जमा हैं। मार्च में बीजापुर जिले के सिलगेर के पास टेकलगुड़ा में नक्सली जमावड़े सूचना ड्रोन की भेजी तस्वीरों से ही लगा था। इसी आधार पर वहां फोर्स रवाना की गई थी।
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