chinese army

सलामी स्लाइसिंग एक तरह की टुकड़े-टुकड़े नीति है, इसका इस्तेमाल करके चीन पहले किसी क्षेत्र में अपना दावा करता है, फिर वह अपनी बात दोहराता रहता है।

भारत कहता आया है कि 1947 में हुए विलय के आधार पर पूरा जम्मू कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है। 'गिलगित-बाल्टिस्तान' इलाका उसी राज्य में शामिल है। 

चीन के लिए कहा जाता है कि वह गरीब देशों को इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में मदद करने के नाम पर अपने कर्ज के जाल में फंसा रहा है।

Indian Army: अक्सर सुनने में आता है कि चीन ने याक भेज दिया या पाकिस्तानी कबूतर सीमा के पास पकड़ा गया। सेनाएं ऐसे में काफी अलर्ट रहती हैं।

Indian Army: असम राइफल्स के जवानों की पेट्रोलिंग टीम पर अटैक किया गया था। इस हमले में चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे। चीनी सेना की इस हरकत पर भारत बुरी तरह से भड़क गया था।

दोनों देशों के बीच 1967 में सीमा विवाद के चलते टकराव हुआ था। दरअसल भारत ने नाथु ला से सेबू ला तक तार लगाकर बॉर्डर को परिभाषित किया था।

चीन (China) विस्तारवाद की नीति अपनाता है और कई इलाकों पर आज भी अपना दावा करता है। इसके अलावा वह समुद्र में भी अपना दावा ठोकता है जबकि उसका दूर-दूर तक उस इलाके से कुछ भी लेना देना नहीं।

Indian Army: भारत और पाकिस्तान में भी कश्मीर को लेकर तनाव हमेशा ही रहा है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़े हैं। 

Indian Army: पाकिस्तान के साथ कश्मीर के पूरे क्षेत्र को लेकर विवाद है। पाकिस्तान पूरे कश्मीर को अपना कहता है जबकि भारत कहता है कि कश्मीर पर सिर्फ और सिर्फ हमारा हक है।

थल सेना अध्यक्ष हों या फिर वायुसेना या नेवी चीफ, हर कोई अपनी तरह से चेतावनियां देते हैं। इनके अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भी चेतावनियों के जरिए दुश्मनों को सोचने पर मजबूर करते हैं।

Indian Army: कई बार ऐसा होता है कि ठंड लगने से सैनिकों की मौत हो जाती है या फिर वह बीमार पड़ जाते हैं। इन इलाकों में रहना अपने आप में ही हर दिन मौत से लड़ने जैसा होता है।

Anti-Tank Missiles: युद्ध में मशीनें चाहे कितनी ही एडवांस क्यों न हो लेकिन युद्ध में जीत सैनिकों की हिम्मत और पराक्रम के चलते ही होती है। एलओसी और एलएसी पर कई मौकों पर एंटी टैंक मिसाइल तैनात की जाती रही हैं।

भारत और चीन के रिश्ते बीते कुछ सालों में खराब हुए हैं। सीमा विवाद के चलते चीन हमारे खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाए हुए है। चीन हमेशा से विस्तारवादी की नीति को फॉलो करता आया है।

जिस वक्त तिब्बत (Tibet) में 14वें दलाई लामा को चुनने की प्रक्रिया चल रही थी तभी यह हमला किया गया था। चीन नहीं चाहता था कि तिब्बत में फिर से चुनावी प्रक्रिया के जरिए दलाई लामा यानी धर्मगुरु की नियुक्ति हो।

चीन की बढ़ती ताकत सबको साफ नजर आ रही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में चीन दुनिया की सुपर पॉवर होगा और इसमें उसकी सैन्य ताकत का अहम रोल होगा।

पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है। इसमें करीब 23 लाख सैनिक हैं। इनमें थल, जल, वायु, रॉकेट फोर्स और रणनीतिक सपोर्ट सेना शामिल हैं।

Indo-China War: 1962 के दौरान चीनी सेना ने जगह-जगह पोस्ट और सड़क का निर्माण कर दिया था जिसके जवाब में भारतीय सेना ने भी पोस्ट बना ली थी।

यह भी पढ़ें