Kargil War: स्थानीय लोगों पर ऐसे हुआ था असर, 2 महीने खौफ में थे लोग
Kargil War: युद्ध के दौरान जब बमबारी होती है तो मिसाइलों के जरिए दुश्मन को टारगेट किया जाता है। ऐसे में आस-पास के इलाके भी इसकी जद्द में आ जाते हैं।
कारगिल युद्ध: 4 जुलाई को ही जीत तय हो गई थी, ये था इस लड़ाई का टर्निंग पॉइंट
Kargil War: टाइगर हिल की लड़ाई को कारगिल की लड़ाई का टर्निंग पॉइंट भी कहा जाता है। 4 जुलाई को ही भारत की विजय निश्चित हो गई थी।
कारगिल युद्ध: वो खास तारीखें जिन्हें आपको जरूर जानना चाहिए
यह युद्ध (Kargil War) करीब 2 महीने तक चला था। युद्ध के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले थे। इस युद्ध की कुछ खास तारीखें जिसे आपको जरूर जानना चाहिए।
1971 का युद्ध: …जब सैनिक हवाई अड्डों पर पाकिस्तान ने शुरू किए बम गिराने
भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा पूर्व में तेजी से कब्जा किया था। सेना ने जेसोर, खुलना और तंगेल पर कब्जा किया। इसके बाद पाकिस्तानी सेना को समझ आ गया था कि जीत उसके हाथ से निकल चुकी है।
1971 का युद्ध: … जब भारत की तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान की जबरदस्त नाकेबंदी की
सेनाओं को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश जारी हुए थे। इंडियन एयरफोर्स ने पश्चिमी पाकिस्तान के अहम ठिकानों और हवाई अड्डों पर बम बरसाए थे।
भारतीय सेना में हुआ बड़ा बदलाव, पहली बार 5 महिला अधिकारियों को कर्नल पद पर मिला प्रमोशन
भारतीय सेना के इतिहास में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। भारतीय सेना में 26 साल का कार्यकाल पूरा करने वाली 5 महिला अधिकारियों को कर्नल के पद पर प्रोन्नत किया गया है।
पाकिस्तान ने भारत पर पहली बार आक्रमण कब किया था? जानें जवाबी कार्रवाई में क्या हुआ?
India Pakistan First War 1948: पाकिस्तान ने भारत पर पहली बार आक्रमण आजादी के तुरंत बाद किया था। यह आक्रमण कश्मीर के लिए किया गया था।
India Pakistan War 1971: …जब पाकिस्तान ने अमेरिका और चीन के दम पर सरेंडर से किया इनकार
भारत के सरेंडर के ऑफर को वह हल्के में ले रहा था। ऐसे में भारतीय सेना ने ऐसा खेल दिखाया कि पाकिस्तान को अंतत: सरेंडर के लिए टेबल पर आना पड़ा।
64 गोरखा जवान बने Indian Army का हिस्सा, ली देश सेवा की शपथ
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी कैंट (Varanasi Cantt) स्थित 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर (जीटीसी) में 64 गोरखा जवानों को कसम परेड के बाद भारतीय सेना (Indian Army) हिस्सा बनाया गया।
Indian Army की टीम ने विस्फोटकों से निपटने की ट्रेनिंग ली, देखें PHOTOS
भारतीय सेना (Indian Army) मुश्किल हालातों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहती है। इसके लिए समय-समय पर सेना प्रशिक्षण लेती रहती है। इसी कड़ी में भारतीय सेना (Indian Army) की टीम ने एक कोर्स 'Koltsovo' के तहत ट्रेनिंग किया।
Indian Army की दरियादिली, गलती से LoC पार कर आए 3 नाबालिगों को वापस भेजा
Indian Army ने दो दिन पहले नियंत्रण रेखा (Line of Control) पार करके भारतीय सीमा में गलती से आने वाले 9 से 17 साल की उम्र के तीन नाबालिगों को 20 अगस्त को पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) में वापस भेज दिया।
जम्मू कश्मीर: भारतीय सेना ने दिखाई दरियादिली, गलती से बॉर्डर पार कर भारतीय सीमा में घुसे 3 बच्चों को वापस भेजा
भारतीय सेना ने एक बार फिर इंसानियत की मिसाल पेश की है। गलती से LoC पार कर कश्मीर में दाखिल हुए बच्चों को भारतीय सेना ने वापस भेज दिया है।
नदी जल बंटवारे को लेकर भी खफा रहता है पाकिस्तान, 1965 में युद्ध की वजह था ये मुद्दा
India Pakistan War 1965: संधि के बाद पाकिस्तान झेलम, चिनाब और सिंधु नदी का पानी इस्तेमाल कर रहा था लेकिन उसका लालच और भी ज्यादा था।
India Pakistan War 1971: पाकिस्तानी ब्रिगेडियर ने भी माना ‘परमवीर चक्र’ अरुण खेत्रपाल का लोहा
पाकिस्तान के ब्रिगेडियर ने खेत्रपाल के साथ लड़ाई की थी। इसी दौरान वह शहीद हो गए थे। यह बात पाकिस्तान के ब्रेगेडियर ने खुद अरुण के पिता ब्रिगेडियर एमएस खेत्रपाल को बताई थी।
जम्मू कश्मीर: अवंतीपोरा के पंपोर इलाके को सुरक्षाबलों ने घेरा, मुठभेड़ के दौरान 2 आतंकियों को मार गिराया
पंपोर इलाके में कुछ आतंकवादियों (Militants) के छुपे होने की खबर मिली थी। इसके बाद सेना और पुलिस की संयुक्त टीम ने जब चिह्नित क्षेत्र में जब सर्च ऑपरेशन करने गये तो इन आतंकवादियों ने उनपर फायरिंग कर दी।
कारगिल के नायक कर्नल जेके चौरसिया ने पेश की है मिसाल, देश प्रेम इनके लिए सबसे बड़ा
Kargil War 1999: वह चाहते तो लखनऊ में हो रही नियुक्ति स्वीकार कर आराम से बिना किसी खास खतरे के काम कर सकते थे लेकिन उन्होंने खतरों को स्वीकार किया।
चीन इस चाल का करता है इस्तेमाल, जानें क्यों चालाक लोमड़ी की तरह है ये देश
चीन (China) विस्तारवाद की नीति अपनाता है और कई इलाकों पर आज भी अपना दावा करता है। इसके अलावा वह समुद्र में भी अपना दावा ठोकता है जबकि उसका दूर-दूर तक उस इलाके से कुछ भी लेना देना नहीं।