ड्रोन के जरिए हमला कर रहे आतंकवादी, जानें क्या है यह टेक्नोलॉजी

ड्रोन (Drone) के जरिए आतंकी एलओसी के पास आस-पास मौजूद जगहों को टारगेट कर सकते हैं। ड्रोन ज्यादा दूर तक उड़ान नहीं भर सकते हैं लिहाजा एलओसी के आस-पास के एरिया में ही इनके जरिए हमले किए जा सकते हैं।

Pak Drone

सांकेतिक तस्वीर

Indian Army: ड्रोन (Drone) के जरिए आतंकी (Terrorists) एलओसी (LoC) के पास आस-पास मौजूद जगहों को टारगेट कर सकते हैं। ड्रोन ज्यादा दूर तक उड़ान नहीं भर सकते हैं।

भारत पर हमला करने के लिए आतंकवादी (Terrorists) नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। इस कड़ी में अब आतंकियों ने ड्रोन का सहारा लिया है। 27 जून को भारतीय वायु सेना के जम्मू एयरबेस पर ड्रोन (Drone) से हमले किए गए हैं। इस हमले ने भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।

ड्रोन (Drone) के जरिए आतंकी एलओसी (LoC) के पास आस-पास मौजूद जगहों को टारगेट कर सकते हैं। ड्रोन ज्यादा दूर तक उड़ान नहीं भर सकते हैं, लिहाजा एलओसी के आस-पास के एरिया में ही इनके जरिए हमले किए जा सकते हैं। भारतीय सेना (Indian Army) निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करती है।

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सेना के सीनियर अधिकारियों का कहना है कि ड्रोन को आसानी से घर पर भी बनाया जा सकता है। ड्रोन का निर्माण आतंकी बिना कोई सबूत के भी कर सकते हैं। सेना के लिए यह साबित करना काफी मुश्किल होता है कि ड्रोन किसका है।

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ड्रोन्स को UAV यानी Unmanned aerial vehicles या RPAS यनी Remotely Piloted Aerial Systems भी कहा जाता है। ये एक ऐसी डिवाइस होती है जिसमें कैमरे और सेंसर लगे होते हैं। ड्रोन अपने साथ कुछ वजन ले जाने में भी समक्ष होते हैं। अलग-अलग देशों की ड्रोन को लेकर अलग-अलग गाइडलाइन्स हैं।

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