Indian Army: उत्तरी कश्मीर का गुरेज इलाका सैनिकों के बलिदान और साहस का परिचय देता है। यह एक ऐसा इलाका है जहां पर हिमस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है।
भारतीय सेना (Indian Army) के जवान किसी भी चुनौती का सामना कर लेंगे मगर देश की रक्षा हर हाल में करेंगे। सैनिकों का पहले संकल्प यही होता है कि वे अपनी जान दे देंगे लेकिन दुश्मनों को भारत मां पर हमला नहीं करने देंगे। उत्तरी कश्मीर का गुरेज इलाका भी सैनिकों के बलिदान और साहस का परिचय देता है। यह एक ऐसा इलाका है जहां पर हिमस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है
श्रीनगर से करीब 135 किलोमीटर दूर उत्तरी कश्मीर के गुरेज में राजपूत रेजीमेंट घुसपैठ को रोकने के लिए तैनात है। कारगिल की तरह गुरेज में हिमस्खलन का खतरा बना रहता है, यहां हर साल ऐसी घटनाएं होती हैं।
इस इलाके के दूसरी ओर पहाड़ों पर पाकिस्तानी सेना तैनात है। 2017 में सेना की चौकी हिमस्खलन की चपेट में आने से गुरेज में 15 सैनिक शहीद हो गए थे। इन खतरों के बावजूद सैनिक कठोर मौसम में वहां तैनात हैं। गुरेज में मोबाइल कनेक्टिविटी भी नहीं है। गुरेज के पास आज भी बिजली की रेगुलर सप्लाई नहीं है।
सैनिकों को सर्दियों के दौरान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान का सामना करना पड़ता है। यहां कई फीट ऊंची बर्फ जम जाती है। जिस तरह सैनिक सियाचिन में रहते हैं ठीक उसी तरह सर्दियों में यहां बर्फ आफत बनकर आती है। कारगिल गुरेज से लगभग 250 किलोमीटर दूर है।
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