Kargil War 1999

कई सालों तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव रह चुके शक्ति सिन्हा ने अपनी किताब 'Vajpayee: The Years That Changed India' में इस बात का खुलासा किया है।

Kargil War: 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद भी कई सैन्य संघर्ष होते रहे। दोनों देशों द्वारा परमाणु परीक्षण की वजह से भी तनाव और बढ़ गया था।

पाकिस्तान जिन पोस्टों पर था वहां से सैनिकों के मूवमेंट और स्ट्रैटजी को पहले ही जाना जा सकता था। पाकिस्तान ने कारगिल के ऊंचाई वाले सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों पर धोखे से कब्जा किया हुआ था।

सेना के सामने यही सबसे बड़ी चुनौती थी कि वे इन पोस्टों को अपने कब्जे में वापस कैसे ले। पाकिस्तान जिन पोस्टों पर था वहां से सैनिकों के मूवमेंट और स्ट्रैटजी को पहले ही जाना जा सकता था।

बोफोर्स तोपें 27 किलोमीटर की दूरी तक गोले दाग सकती हैं। हल्के वजन के वजह से इसे युद्धभूमि में कही भी तैनात करना और यहां-वहां ले जाना आसान होता है।

युद्ध के दौरान बतरा टॉप, टाइगर हिल, तोलोलिंग टॉप पर करगिल युद्ध के दौरान की ऊंची बर्फीली चोटियों पर छुपकर बैठे दुश्मन को भारतीय सेना के वीर जवानों ने अपनी जान पर खेलकर मार भगाया था।

Indian Army: कुछ सैनिक ऐसे थे जो जंग के मैदान में शहीद हो गए थे। ऐसे ही एक जवान सुरेंद्र भी थे। सुरेंद्र ने अपने साथियों के साथ ऐसा हमला किया कि पाक के करीब 20 जवान मौके पर ही ढेर हो गए थे।

कारगिल की लड़ाई में तोलोलिंग की जीत बहुत जरूरी थी तो गलत नहीं होगा। यह सामरिक रूप से बेहद ही महत्वपूर्ण जगह थी। सेना इस पर लगातार फतेह की कोशिश कर रही थी।

Kargil War 1999: 16,700 फीट ऊंची टाइगर हिल पर कब्जा करने की कोशिश में ही यह हमले किए गए थे। यह पहला मौका था जब इतनी ऊंचाई पर इस तरह के हथियार का इस्तेमाल हुआ था।

'मेरी आंखों के सामने राजपूत रेजीमेंट के तीन जवान शहीद हो गए। उन दिनों सिर्फ मौत का खतरा मंडराया रहता था लेकिन देशसेवा का इससे बड़ा मौका हमें नहीं मिलने वाला था।'

पाकिस्तानी सेना कई गुना फायदे में थी, क्योंकि हमारे जवान नीचे से ऊपर की ओर चढ़ाई कर लड़ने आ रहे थे। दुश्मनों के पास पहुंचने के लिए कई-कई किलोमीटर चढ़ाई करनी पड़ी थी।

युद्ध में उस वक्त बड़ा मोड़ आया जब पाकिस्तान ने अपनी खस्ता हालत देख अमेरिका से मदद मांगी थी। हालांकि तब अमरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान को एलओसी से पीछे हटने के लिए कहा था।

भारतीय सेना (Indian Army) ने जंग में दुश्मन का सामना करने के लिए मिराज विमानों में इजराइली किट का इस्तेमाल किया था, जिसे इजरायल (Israel) लिटनिंग लेजर डिजाइनर पॉड कहते हैं।

इजरायल (Israel) सीमा नियंत्रण और आतंकवाद का मुकाबला करने में प्रौद्योगिकी और अनुभव वाला देश है। इजरायल का बीते कई दशकों से फ्लीस्तीन के साथ सीमा विवाद चल रहा है।

Kargil War: किसी भी जंग को जीतने के लिए बेहतर क्वालिटी के हथियारों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे हथियार रूस के पास थे और उन्होंने हमें दिए।

Kargil War: इजरायल ने जरूरी हथियार और गोला बारूद भी उपलब्ध करवाए। ऐसी डिवाइस भी भेजी जिन्हें लड़ाकू जहाज में लगाकर सही टारगेट पर हमला किया जा सकता था।

Kargil War: टाइगर हिल की लड़ाई को कारगिल की लड़ाई का टर्निंग पॉइंट भी कहा जाता है। 4 जुलाई को ही भारत की विजय निश्चित हो गई थी।

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