खतरे को देखते हुए सीमा पर बढ़ाई और घटाई जाती है सैन्य शक्ति, जानें ये क्यों है जरूरी

Indian Army: सैन्य शक्ति को बढ़ाने का सीधा मतलब यह है कि सैनिकों की संख्या में इजाफा किया जाता है और इसके साथ ही एडवांस कैटिगरी के हथियारों को तैनात कर दिया जाता है। 

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Indian Army: सैन्य शक्ति (Military Power) को बढ़ाने का मतलब यह है कि सैनिकों की संख्या में इजाफा किया जाता है और इसके साथ ही एडवांस कैटिगरी के हथियारों को तैनात कर दिया जाता है। 

भारत का चीन और पाकिस्तान के साथ बीते कई दशकों से सीमा विवाद चल रहा है। चीन के साथ हाल के वर्षों में हिंसक झड़पें भी देखने को मिली हैं। वहीं, पाकिस्तान के साथ कश्मीर को लेकर विवाद चल रहा है। अक्सर आपने सुना होगा कि खतरे को देखते हुए सीमा पर सैन्य शक्ति (Military Power) को बढ़ा दिया गया है।

सैन्य शक्ति को बढ़ाने का मतलब क्या होता है और इसकी जरूरत क्यों पड़ती है? दरअसल, सीमा पर जब दो देशों के बीच विवाद बढ़ जाता है और हिंसक झड़पें होने लगें तो किसी भी खतरे से निबटने के लिए सैन्य शक्ति को बढ़ा दिया जाता है।

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सैन्य शक्ति (Military Power) को बढ़ाने का मतलब यह है कि सैनिकों की संख्या में इजाफा किया जाता है और इसके साथ ही एडवांस कैटिगरी के हथियारों को तैनात कर दिया जाता है। हाल के वर्षों में चीनी से लगती सीमाओं पर ऐसा किया जा चुका है।

इसका फायदा यह होता है कि दुश्मन किसी भी बड़े कदम से पहले कई बार सोचता है। क्योंकि उसे भी यह पता होता है कि एक उकसावे वाला काम कितना नुकसान कर सकता है।

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हालांकि, कई मामलों में वार्ता के जरिए मसले को हल कर लिया जाता है। वहीं, कई बार आर-पार की लड़ाई का सामना करना पड़ जाता है। ऐसे में सैनिकों को हर मोर्चे पर अलर्ट रहने के लिए कहा जाता है और इंटेलिजेंस के आधार पर ही कार्रवाई की दिशा तय की जाती है।

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