…जब हार के बावजूद Pak ने कश्मीर से अपने सैनिकों को निकालने से कर दिया इनकार, जानें पूरी कहानी
युद्धविराम पर सहमत होने के बाद दुश्मन देश ने अपने सैनिकों को निकालने से इनकार कर दिया नतीजन कश्मीर दो भागों में विभाजित हो गया।
1971 की जंग: …जब भारत ने पाकिस्तान के पूर्वी हिस्से पर कब्जा किया, जानें पूरा घटनाक्रम
साल 1971 भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के लिए बेहद अहम था। 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में आजादी का आंदोलन दिन ब दिन तेज होता जा रहा था।
1962 में भारत की हार की ये थी वजह! जानें क्यों चीनी सैनिकों को हरा नहीं पाए हमारे जवान
हथियार भी उतने एडवांस नहीं थे जितना चीनी सैनिकों के पास थे। हालांकि इस युद्ध में सेना के कई जवानों ने हैंड टू हैंड फाइट कर कई चीनी सैनिकों को ढेर किया था।
माइनस 30 डिग्री में भी पाक सेना को कर दिया तहस-नहस, जानें ‘परमवीर चक्र’ विजेता बाना सिंह की कहानी
दुश्मनों ने 6500 मीटर की ऊंचाई पर स्थिति चोटिंयों पर कब्जा जमा लिया था। ग्लेशियर पर बर्फं ने पाकिस्तानी घुसपैठियों की स्थिति को बेहद मजबूत कर दिया था।
ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को जिन्ना ने दिया था आर्मी चीफ पद का ऑफर, फिर मिला ये जवाब
बंटवारे के वक्त ब्रिटिश इंडिया सैन्य टुकड़ियों को भी भारत-पाक के बीच बांटा जा रहा था। ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान भीड़ में शामिल नहीं हुए।
भारतीय सेना के इस राइफलमैन ने अकेले ही 300 सैनिकों को कर दिया था ढेर, जानें वीरता की कहानी
चीनी सेना के हमले में गढ़वाल राइफल्स की चौथी बटालियन के ज्यादातर जवान शहीद हो गए थे। जसवंत सिंह अकेले ही 10 हजार फीट ऊंची अपनी पोस्ट डटे हुए थे।
आजादी के बाद हर युद्ध में गोरखा रजिमेंट ने लिया हिस्सा! जानें ट्रेनिंग से लेकर खुखरी तक हर खासियतें
भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों के भर्ती को लेकर नेपाल से समझौता किया हुआ है। इसी के तहत गोरखाओं की भर्ती आर्मी में होती है।
1965 की जंग: भारतीय सेना लाहौर तक कर सकती थी कब्जा, इस वजह से हटी थी पीछे
लड़ाई में भारतीय सेना लाहौर तक पहुंच चुकी थी लेकिन बॉर्डर पर ही रुक गई। सेना चाहती तो पाकिस्तानी के कई इलाकों पर कब्जा कर सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
1965 की लड़ाई की जीत का झूठा जश्न मनाता है पाकिस्तान, युद्धविराम की घोषणा कर पीछे हट गई थीं सेनाएं
पाकिस्तान 1965 में लड़े गए युद्ध में खुद को जीता हुआ मानता है। वह इसका लगातार जश्न भी मानाता आ रहा है जो कि झूठ पर आधारित है।
1965 के युद्ध में मोहम्मद शफीक और मोहम्मद नौशाद का बजा था डंका, पाक की अमेरिकी जीप पर किया था कब्जा
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कश्मीर हड़पने के बहुत बड़ी साजिश रची थीं जिसे जवानों ने हर मोर्चे पर फेल कर दिया था।
…ताकि नक्सली साजिश ना हो कामयाब, बांका में लगातार चल रहा पुलिस का सर्च ऑपरेशन
आशंका जताई जा रही है कि नक्सली संगठन द्वारा जंगल में ही 31 जुलाई तक शहादत दिवस मनाया जा रहा है। सभी संदिग्ध नक्सली दस्ता के सदस्य हो सकते हैं।
चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ सैम मानेकशॉ के नेतृत्व में लड़ा गया था 1971 का युद्ध, जानें कौन थे ये
1971 के भारत-पाकिस्तान जंग में सैम मानेकशॉ की मुख्य भूमिका रही और पाक के खिलाफ जीत हासिल की गई थी। वह युद्ध में पूरी तैयारी के साथ उतरे थे।
1965 की जंग: क्या था ऑपरेशन जिब्राल्टर? पाकिस्तान ने ऐसे बिछाई थी युद्ध की बिसात
दुश्मनों ने 8 सितंबर 1965 को खेमकरण सेक्टर के उसल उताड़ गांव पर धावा बोल दिया। ये हमला पैदल सैन्य टुकड़ी के साथ पैटन टैंक के साथ किया गया था।
1947 में कश्मीर हड़पने आया था PAK लेकिन भारतीय सेना के इस ‘हीरो’ ने बुरी तरह खदेड़ा
सेना के कई जवानों ने अकल्पनीय साहस का परिचय दिया था जिसकी मिसाल आज भी पेश की जाती है। कुछ जवान ऐसे थे जिनके प्रदर्शन से सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध क्यों और कब हुआ? यहां जानें
हरि सिंह ने देर से ही सही लेकिन भारत को कश्मीर में मिलाने के लिए हामी भरी तो देखते ही देखते भारतीय सेना कश्मीर पहुंची और दुश्मनों को भगा-भगाकर मारना शुरू किया।
1971 भारत-पाक युद्ध: इस जवान को जिंदा रहते मिला था परमवीर चक्र, जानें इस सैन्य सम्मान की खासियतें
3 दिसंबर, 1971 को पाक एयर फोर्स ने भारत पर हमला कर दिया था। भारत के अमृतसर और आगरा समेत कई शहरों को निशाना बनाया। 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान की सेना के आत्मसमर्पण और बांग्लादेश के जन्म के साथ युद्ध का समापन हुआ।
कारगिल युद्ध: …जब मिग विमानों के जरिए Air Force ने पाक के कब्जे वाले इलाकों पर गिराए बम
कारगिल युद्ध में सेना को लीड करने वाले कई अधिकारियों ने कई मौकों पर कहा है कि भारतीय वायुसेना के हवाई हमले से दुश्मन का मनोबल टूटा था।