1962 में भारत की हार की ये थी वजह! जानें क्यों चीनी सैनिकों को हरा नहीं पाए हमारे जवान

हथियार भी उतने एडवांस नहीं थे जितना चीनी सैनिकों के पास थे। हालांकि इस युद्ध में सेना के कई जवानों ने हैंड टू हैंड फाइट कर कई चीनी सैनिकों को ढेर किया था।

MM Naravane

फाइल फोटो

हथियार भी उतने एडवांस नहीं थे जितना चीनी सैनिकों के पास थे। हालांकि इस युद्ध में भारतीय सेना के कई जवानों ने हैंड टू हैंड फाइट कर कई चीनी सैनिकों को ढेर किया था।

भारत और चीन (China) के बीच 1962 में युद्ध हुआ था। इस युद्ध में भारतीय सेना को हार का मुंह देखना पड़ा था। चीनी सेना के सामने भारतीय सैनिक पूरी हिम्मत के साथ डटे रहे। इस युद्ध में भारत ने अपने सैनिकों की शहादत सही। युद्ध में हार की कई वजहें बताई जाती हैं। जब-जब 1962 के युद्ध का जिक्र होता है तो चीनी सेना और भारतीय सेना की तुलना होने लगती है।

दरअसल 1962 के दौरान चीनी सेना हमारी सेना के मुकाबले काफी एडवांस थी। भारतीय सेना के पास सियाचिन के ठंडे इलाकों के लिए गर्म कपड़े तक नहीं थे। हथियार भी उतने एडवांस नहीं थे जितना चीनी सैनिकों के पास थे। हालांकि इस युद्ध में भारतीय सेना के कई जवानों ने हैंड टू हैंड फाइट कर कई चीनी सैनिकों को ढेर किया था। वहीं चीन के खिलाफ युद्ध में भारत की शर्मनाक हार के लिए तत्कालीन राजनीतिक और विदेशी कूटनीतिक विफलता को भी जिम्मेदार माना जाता है।

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संख्या बल के बूते ही चीनी सैनिक लड़ाई करते हैं। युद्ध के दौरान एक ब्रिगेड पर हमले को दस-दस चीनी ब्रिगेड आती थी, जबकि भारतीय सेना अंग्रेजों के जमाने से वन-इन टू-थ्री के फार्मूले पर मैदान में उतरी थी। बता दें कि भारत ने चीन के खिलाफ 1962 में युद्ध लड़ा था। युद्ध की वजह सीमा विवाद थी।

चीन हमेशा से भारत की जमीन पर अपना कब्जा जमाने की फिराक में रहता है। बॉर्डर पर चीन के साथ भारत का सीमा विवाद सालों से चला आ रहा है। इस युद्ध में रक्षा और सियासी बलों के कारण भारत को हार का सामना करना पड़ा था। इसमें भारक के कई सैनिक शहीद हुए थे।

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