बर्फीले तूफान के बीच ‘ऑपरेशन मेघदूत’ को सेना ने दिया था अंजाम, 3 दिनों तक हुई थी भीषण सैन्य कार्रवाई
युद्ध के इतिहास में यह एक अद्वितीय अभियान था। बाद में पोस्ट का नाम इस अभियान में विशिष्ट योगदान के लिए एक बहादुर सैनिक के नाम पर 'बाना टॉप' रख दिया गया था।
भारतीय सैनिकों के बलिदान की शौर्य गाथा हैं युद्ध स्मारक, युवाओं के लिए हैं प्रेरणा
जवानों के बलिदान को याद रखने और युद्ध में उनकी शौर्य गाथा को बताने के लिए युद्ध स्मारक बनाए जाते हैं। देश में कई जगहों पर युद्ध स्मारक बनाए गए हैं।
1962 का युद्ध: रेजांगला दर्रे पर चीन के 1300 सैनिकों को हमारे 120 जवानों ने कर दिया था ढेर, जानें पूरा कहानी
चीनी सेना का उद्देश्य रेजांगला दर्रे पर कब्जा कर सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चुशूल गैरिसन का लेह से एकमात्र सड़क संपर्क तोड़ना था।
1948 में कश्मीर के तिथवाल में लंबे समय तक चली थी भीषण लड़ाई, युद्ध में सेना ने ऐसे किया था पाक सेना का सफाया
दुश्मनों को खदेड़ना भारतीय सेना के लिए बड़ी चुनौती थी। इस युद्ध के दौरान जम्मू-कश्मीर स्थित तिथवाल क्षेत्र में लंबे समय तक एक भीषण लड़ाई लड़ी गई।
‘ऑपरेशन विजय’ की भीषण लड़ाइयों में से एक थी प्वाइंट 4875 की लड़ाई, जानें कैसे सेना ने दिखाया था पराक्रम
भीषण गोलाबारी के बीच, 15000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले खड़ी ढाल के पहाड़ पर चढ़ाई कर, आमने-सामने की लड़ाई में घुसपैठियों को मार गिराया था।
इजरायल ने हमास के ठिकानों पर किए ताबड़तोड़ हवाई हमले, फ्यूल शिपमेंट और गाजा पट्टी से सटी सीमाओं को भी किया सील
इजरायल बीते 6 अगस्त से हमास के ठिकानों पर इसी तरह से हमलावर है। गाजा पट्टी से आतंकवादी समूहों ने दक्षिणी इजरायल में आग लगाने वाले विस्फोटक सामग्री भेजी थी।
1971 की लड़ाई: परमवीर चक्र से सम्मानित अरुण खेत्रपाल ने पाक के 10 टैंकों के उड़ा दिए थे चिथड़े
जंग के मैदान में उतरे तो उनकी उम्र उस वक्त महज 21 साल थी। उनके इस शौर्य के लिए उन्हें सेना के सर्वोच्च सम्मान 'परमवीर चक्र से नवाजा गया।
1948 का युद्ध: ‘वीर चक्र’ से सम्मानित होने वाले छोगसिंह राठौड़ ने कई दुश्मन सैनिकों को मार गिराया था, जानें कहानी
युद्ध में वीरता का प्रदर्शन करने के लिए उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 'वीर चक्र' से सम्मानित किया था।
1971 का युद्ध: हवलदार उदयराज सिंह की वीरता को देखकर थर-थर कांपते थे दुश्मन, मिला था ‘वीर चक्र’
युद्ध में उनके पराक्रम का परिचय तब देखने को मिला जब वह अपने साथियों के साथ फीचूगंज पहुंचे थे। दरअसल यहां पर उन्हें नदी को रेलवे पुल के रास्ते पार करना था।
1999 का युद्ध: 18 हजार फीट की ऊंचाई और भारतीय सेना का शौर्य, जानें युद्ध से जुड़ी ये खास बातें
युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया। पाकिस्तान मानता है कि उसके करीब 357 सैनिक ही मारे गए थे। वहीं युद्ध में भारत के 527 जवान शहीद हुए।
भारतीय सेना के इस शहीद के कपड़े आज भी होते हैं प्रेस, मिलता है प्रमोशन और छुट्टियां
चौबीस घंटे उनकी सेवा में भारतीय सेना के पांच जवान लगे रहते हैं। उनका बिस्तर लगाया जाता है। प्रमोशन और छुट्टियां उन्हें आज भी मिलते हैं।
1971 का युद्ध: भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर किया था जबरदस्त हमला, Pak सेना को हुआ था भारी नुकसान
8 और 9 दिसंबर की रात को इस ऑपरेशन लागू किया गया। एक मिसाइल शिप और दो युद्ध-पोत के जरिए कराची के तट पर मौजूद जहाजों के ग्रुप पर हमला किया गया था।
इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन: 1947 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध की ये थी वजह
विभाजन के बाद से ही पाकिस्तान (Pakistan) की नजर कश्मीर (kashmir) पर थी जिसे वो आज तक हमसे नहीं छीन पाया है। ऐसा भारतीय सेना के शौर्य के चलते संभव हो सका है।
सीजफायर की घोषणा होने तक अपनी पोस्ट से हटने से कर दिया था इनकार, ऐसे थे ‘परमवीर चक्र’ पाने वाले मेजर होशियार सिंह
15 दिसंबर 1971 के दिन को गोलंदाज फौज की तीसरी बटालियन का नेतृत्व मेजर होशियार कर रहे थे। बटालियन को आदेश दिया गया कि बसंतर नदी के पार तैनाती लें।
बसंतर लड़ाई में लेफ्टिनेंट जनरल हनुत सिंह का बजा था डंका, टीम के साथ पाक के 48 टैंक कर दिए थे भस्म
बसंतर (बैटल ऑफ बसंतर) की मशहूर लड़ाई में दुश्मन से घिर जाने के बावजूद अपने हर जूनियर ऑफिसर को एक इंच भी पीछे हटने के लिए मना कर दिया था।
1965 का युद्ध: हाजीपीर की लड़ाई और मेजर दयाल का खौफ, हथियार छोड़ भाग खड़े हुए थे पाकिस्तानी
पाक सेना के जवानों ने जैसे ही भारतीय सेना की टुकड़ी को देखा सब इधर-उधर भागने लगे। एकदम से दुश्मन चौंक उठे और हथियार छोड़कर भागने लगे।
एकबार फिर देशभक्ति का जज्बा जगाएंगी बॉलीवुड स्टार्स की ये फिल्म, इस साल होने जा रही हैं रिलीज
देशभक्ति पर बॉलीवुड में सालों से फिल्में बनती आ रही है। कई फिल्में तो सुपर हिट रही हैं। देशभक्ति एक ऐसा टॉपिक है जिससे हर नागरिक जुड़ा रहता है।