क्षेत्र पर कब्जा करने की जिम्मेदारी तारापोर (Lieutenant Colonel Ardeshir Burzorji Tarapore) को ही सौंपी गई थी। सात सितंबर के दिन फिल्लौरी में सेना का सामना पैटन टैंक से लैस पाकिस्तानी सेना से हुआ था।

1961 में चीन से युद्ध में हारने के बाद भारत को तीन साल बाद ही पाकिस्तान से भी लड़ना पड़ा। 1965 के युद्ध (1965 India-Pakistan War) में भारत ने पाकिस्तान को वो मजा चखाया जिसे यादकर दुश्मन देश आज भी थर-थर कांप उठता है।

सिंध, बंगाल और पंजाब में हिन्दू और सिखों का कत्लेआम किया गया। हैदराबाद में भी दंगे (Riots) भड़के थे। आजादी के बाद देश में शांति होनी चाहिए थी लेकिन हुआ इसका उल्टा।

Independence Day: लार्ड माउंटबेटन ने 3 जून को ही मीटिंग में 15 अगस्त (15th August) के दिन को आजादी के लिए चुना लेकिन इस तारीख पर देशभर के तमाम  ज्‍योतिषियों में आक्रोश फैल गया।

74वें स्वतंत्रता दिवस के इस खास मौके पर आप देशभक्ति के गीत सुन सकते हैं। आप परिवार के साथ मिलकर गीतों का आनंद ले सकते हैं।

भारत 15 अगस्त 1947 के दिन अंग्रेजों से आजाद हुआ था। देशवासियों के के दिल में सिर्फ भारत मां बसती है। वे कितना प्यार करते हैं इसे फिल्मों में दिखायाा गया है।

सेना ने खास रणनीति 'वॉर ऑफ मूवमेंट' के जरिए दुश्मनों के कब्जे वाले इलाकों पर कहर बरपा कर खुद का कब्जा जमाया था। यहां तक भारतीय सेना ढाका तक पहुंच गई थी।

राधेश्याम तिवारी के बड़े बेटे साधूराम तिवारी एयर फोर्स से रिटायर्ट हैं। साधूराम बताते हैं कि मेरे भाई राजेश भी सेना से रिटायर्ड हैं। जबकि तीसरी पीढ़ी से धीरेंद्र तिवारी नेवी में लेफ्टिनेंट कमांडर से रिटायर हैं।

इस वॉर मेमोरियल में आपको पता लगेगा कि कैसे युद्ध में भारतीय सैनिक बंकर से लेकर बंकर तक योजनाबद्ध तरीके से भागते हुए दुश्मन सेना पर हथगोले फेंकते थे।

युद्ध के बारे में भैरो सिंह ने कई मौकों पर जिक्र किया है। वह बताते हैं कि जब हाईकमान से आदेश आया तो वह तनोट होते हुए लोंगेवाला के पास पहुंचे थे।

युद्ध की वजह थी नाथू ला में भारतीय सीमा से सटे इलाके में चीनी द्वारा गड्ढों की खुदाई। चीनी सैनिकों ने नाथू ला में सेना की चौकियों पर हमला कर दिया था।

Indian Army ने योजनाबद्ध तरीके से 3 दिसंबर, 1971 की सुबह कार्रवाई शुरू की। भारी गोलाबारी के बीच, बंकरों को ध्वस्त करते हुए, वे अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते चले गए।

14 दिसंबर 1971 को श्रीनगर एयरफील्ड पर दुश्मन के 6 सेबर एयरक्राफ्ट ने हमला कर दिया था। सेखों उस समय ड्यूटी के लिए तैयार थे।

नाथु ला विवाद का केंद्र इसलिए है क्योंकि 1965 के भारत और पाकिस्तान के युद्ध के दौरान चीन ने इस इलाके को खाली करने के लिए बोला था लेकिन भारतीय सेना वहां से पीछे नहीं हटी थी।

1947-48 के युद्ध के बाद जम्मू-कश्मीर के दो तिहाई हिस्सा भारत में ही रहा जबकि एक तिहाई हिस्से पर आज भी पाकिस्तान का कब्जा है।

जंग में वे और उनके 14 गार्ड्स रेजिमेंट के साथियों ने अगरतला को पाक के हमलों से बचाया था। गंगासागर स्टेशन के पास इस जंग में दुश्मनों की कमर तोड़कर रख दी थी।

रजा इस युद्ध में सबसे आगे होकर लड़ रहे थे। भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान के 250 से अधिक सैनिक मार गिराए। 17 दिसंबर की रात युद्ध खत्म हुआ।

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