1965 युद्ध के ‘हीरो’ एबी तारापोर, इनकी लीडरशिप में Pak सेना के 65 पैटन टैंक हुए थे खाक
क्षेत्र पर कब्जा करने की जिम्मेदारी तारापोर (Lieutenant Colonel Ardeshir Burzorji Tarapore) को ही सौंपी गई थी। सात सितंबर के दिन फिल्लौरी में सेना का सामना पैटन टैंक से लैस पाकिस्तानी सेना से हुआ था।
भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसे हुई थी 1965 के युद्ध की शुरुआत, जानें पूरी कहानी…
1961 में चीन से युद्ध में हारने के बाद भारत को तीन साल बाद ही पाकिस्तान से भी लड़ना पड़ा। 1965 के युद्ध (1965 India-Pakistan War) में भारत ने पाकिस्तान को वो मजा चखाया जिसे यादकर दुश्मन देश आज भी थर-थर कांप उठता है।
विभाजन के दौरान भड़क उठे थे दंगे, फिर हुआ पाकिस्तान के साथ युद्ध
सिंध, बंगाल और पंजाब में हिन्दू और सिखों का कत्लेआम किया गया। हैदराबाद में भी दंगे (Riots) भड़के थे। आजादी के बाद देश में शांति होनी चाहिए थी लेकिन हुआ इसका उल्टा।
Independence Day: आजादी के लिए ऐसे तय हुआ था 15 अगस्त का दिन, जानें पूरी कहानी…
Independence Day: लार्ड माउंटबेटन ने 3 जून को ही मीटिंग में 15 अगस्त (15th August) के दिन को आजादी के लिए चुना लेकिन इस तारीख पर देशभर के तमाम ज्योतिषियों में आक्रोश फैल गया।
स्वतंत्रता दिवस पर इन 5 गानों को सुनकर गर्व से चौड़ा हो जाएगा सीना, इनमें से एक लता मंगेशकर ने गाया
74वें स्वतंत्रता दिवस के इस खास मौके पर आप देशभक्ति के गीत सुन सकते हैं। आप परिवार के साथ मिलकर गीतों का आनंद ले सकते हैं।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देख सकते हैं देशभक्ति की ये फिल्में, देखें पूरी लिस्ट
भारत 15 अगस्त 1947 के दिन अंग्रेजों से आजाद हुआ था। देशवासियों के के दिल में सिर्फ भारत मां बसती है। वे कितना प्यार करते हैं इसे फिल्मों में दिखायाा गया है।
1971 के युद्ध में इंडियन आर्मी की खास रणनीति थी ‘वॉर ऑफ मूवमेंट’, दुश्मनों का छूट जाता था पसीना
सेना ने खास रणनीति 'वॉर ऑफ मूवमेंट' के जरिए दुश्मनों के कब्जे वाले इलाकों पर कहर बरपा कर खुद का कब्जा जमाया था। यहां तक भारतीय सेना ढाका तक पहुंच गई थी।
1962 के युद्ध में शामिल हुए थे राधेश्याम तिवारी, अब बेटों से लेकर बहुएं तक फौज में शामिल
राधेश्याम तिवारी के बड़े बेटे साधूराम तिवारी एयर फोर्स से रिटायर्ट हैं। साधूराम बताते हैं कि मेरे भाई राजेश भी सेना से रिटायर्ड हैं। जबकि तीसरी पीढ़ी से धीरेंद्र तिवारी नेवी में लेफ्टिनेंट कमांडर से रिटायर हैं।
1971 के युद्ध का इतिहास बताता है लोंगेवाला वॉर मेमोरियल, जानें क्या है इसमें खास
इस वॉर मेमोरियल में आपको पता लगेगा कि कैसे युद्ध में भारतीय सैनिक बंकर से लेकर बंकर तक योजनाबद्ध तरीके से भागते हुए दुश्मन सेना पर हथगोले फेंकते थे।
भारत-पाक युद्ध: भैरो सिंह राठौड़ ने 30 सैनिकों को अकेले ही कर दिया था ढेर, जानें वीरता की कहानी
युद्ध के बारे में भैरो सिंह ने कई मौकों पर जिक्र किया है। वह बताते हैं कि जब हाईकमान से आदेश आया तो वह तनोट होते हुए लोंगेवाला के पास पहुंचे थे।
1967 में चीनी सेना के 400 जवान Indian Army ने कर दिए थे ढेर, तोपों से उड़ा दिया था सबकुछ!
युद्ध की वजह थी नाथू ला में भारतीय सीमा से सटे इलाके में चीनी द्वारा गड्ढों की खुदाई। चीनी सैनिकों ने नाथू ला में सेना की चौकियों पर हमला कर दिया था।
1971 का युद्ध: गंगासागर में भारत-पाक की लड़ाई और 14 गार्डस रेजिमेंट का कहर, जानें पूरी कहानी
Indian Army ने योजनाबद्ध तरीके से 3 दिसंबर, 1971 की सुबह कार्रवाई शुरू की। भारी गोलाबारी के बीच, बंकरों को ध्वस्त करते हुए, वे अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते चले गए।
1971 की लड़ाई में एयरफोर्स के इस अफसर ने छुड़ाए थे PAK के छक्के, बहादुरी के लिए मिला था ‘परमवीर चक्र’
14 दिसंबर 1971 को श्रीनगर एयरफील्ड पर दुश्मन के 6 सेबर एयरक्राफ्ट ने हमला कर दिया था। सेखों उस समय ड्यूटी के लिए तैयार थे।
…जब 1967 में नाथु ला दर्रे पर हुआ टकराव, भारत माता के वीरों ने चीनी सैनिकों को भगा-भगाकर मारा
नाथु ला विवाद का केंद्र इसलिए है क्योंकि 1965 के भारत और पाकिस्तान के युद्ध के दौरान चीन ने इस इलाके को खाली करने के लिए बोला था लेकिन भारतीय सेना वहां से पीछे नहीं हटी थी।
पाकिस्तानी कबायली 1947 में कश्मीर हड़पने के लिए करते थे घुसपैठ और हमले, जानें कौन थे ये
1947-48 के युद्ध के बाद जम्मू-कश्मीर के दो तिहाई हिस्सा भारत में ही रहा जबकि एक तिहाई हिस्से पर आज भी पाकिस्तान का कब्जा है।
हाथ में बम लेकर PAK बंकरों पर कूद पड़े थे एक्का, ‘परमवीर चक्र’ से हुए थे सम्मानित, जानें पूरी कहानी
जंग में वे और उनके 14 गार्ड्स रेजिमेंट के साथियों ने अगरतला को पाक के हमलों से बचाया था। गंगासागर स्टेशन के पास इस जंग में दुश्मनों की कमर तोड़कर रख दी थी।
1971 का युद्ध: …जब भारतीय जवान ने पत्र लिखकर दुश्मन देश के सैनिक को मरणोपरांत दिलवाया था सैन्य सम्मान!
रजा इस युद्ध में सबसे आगे होकर लड़ रहे थे। भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान के 250 से अधिक सैनिक मार गिराए। 17 दिसंबर की रात युद्ध खत्म हुआ।