सीने में फौलाद और वतन पर मर मिटने का जज्बा, जानें कौन हैं कारगिल के हीरो राजेश यादव
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 का कारगिल युद्ध (Kargil War) भारतीय सेना के शौर्य की कहानी को बखूबी बयां करता है। इस युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा था।
भारतीय सेना की सबसे पुरानी इन्फेंट्री रेड ईगल डिवीजन, जानें इसकी खासियतें
रेड ईगल डिवीजन (4th infantry division) भारतीय सेना (Indian Army) की सबसे पुरानी इन्फेंट्री मानी जाती है। इसकी खासियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस डिवीजन को सबसे ज्यादा युद्धक पदक भी मिले हैं।
‘जैसे ही गोली लगी मेरा उत्साह दोगुना हो गया’, जानें पूरी कहानी कारगिल योद्धा की जुबानी
सेना नायक के पद से रिटायर होने वाले भरत सिंह के मुताबिक वह सर्चिंग ड्यूटी में थे तभी फायरिंग हो गई थी। गोली लगने पर मुझे मेडिकल स्टाफ ने संभाला।
1965 का युद्ध एक सड़क की वजह से शुरू हुआ था! पाकिस्तान ने 18 मील लंबी एक कच्ची सड़क बना ली थी
Pakistan के रोड बनाने के चलते कच्छ के रण में झड़पें शुरू हो गई थीं। शुरू में तो इनमें केवल सीमा सुरक्षा बल ही शामिल थे, बाद में सेना भी शामिल हो गई।
1965 का युद्ध: माता तनोट मंदिर के पास पाकिस्तान ने गिराए थे 3 हजार बम! मां के सामने सभी हो गए थे बेअसर
Tanot Mata Mandir सेना के लिए आस्था के प्रतीकों में से एक है। जवान आज भी इस मंदिर का रख-रखाव खुद ही करते हैं। मंदिर का रख-रखाव सीमा सुरक्षा बल के जिम्मे है।
1965 का युद्ध: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने रची थी कश्मीर हड़पने की साजिश, जानें पूरा मामला
Indian Army: दुश्मनों ने 8 सितंबर 1965 को खेमकरण सेक्टर के उसल उताड़ गांव पर धावा बोल दिया था। ये हमला पैटन टैंक के साथ किया गया था।
1971 के युद्ध में लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा ने सेना को किया था लीड, पाकिस्तान को दिया था बड़ा सदमा
पाकिस्तान आजादी के बाद से अबतक भारत के साथ विश्वासघात करता आया है लेकिन हर बार नुकसान झेलकर वापस लौटा है। ऐसा ही 1971 में भी हुआ था।
मेजर राजेश सिंह अधिकारी ने छुड़ा दिए थे दुश्मनों के छक्के, ऐसी थी कारगिल के इस वीर सपूत की शौर्यगाथा
उत्तराखंड के नैनीताल में जन्में वीर योद्धा मेजर राजेश सिंह अधिकारी ने अपनी दिलेरी का परिचय देते हुए मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी थी।
1999 का युद्ध: इस जवान ने 5 गोलियां लगने के बावजूद 48 पाक सैनिकों को मार गिराया, काट दी थी मेजर की गर्दन
'मुझे पांच गोलियां भी लगी, फिर भी कुल 48 पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को मार गिराया था। 5 हजार फुट ऊपर पहाड़ियों पर यह लड़ाई लड़ी गई थी।'
बैटल ऑफ फिल्लौर: सेना के इतिहास की सबसे खतरनाक लड़ाई, 35 KM तक पाक में घुस गए थे वीर
Battle Of Phillaur: अमेरिका की ओर से सबसे मजबूत और खतरनाक बताए जा रहे पैटर्न टैंक से सीधी लड़ाई में भारतीय सेना (INDIAN ARMY) ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी।
1965 का युद्ध: भारतीय सेना ने इन टैंकों के सहारे पैटन टैंकों का किया था मुकाबला, Pak को दी थी मात
PAK ने जंग में अपने 170 से ज्यादा टैंकों को खो दिया था, इसमें 97 पैटन टैंक तो 'असल उत्तर' की लड़ाई में खत्म हो गए। वहीं INDIAN ARMY ने केवल 42 टैंक ही खोए।
टाइगर हिल को 1999 के कारगिल युद्ध में क्यों अहम माना गया? यहां जानें
पाकिस्तान भी टाइगर हिल (Tiger Hill) की अहमियत को जानता था और वह इस पर कब्जा करने की फिराक में था लेकिन भारतीय सेना ने पहले ही इसपर कब्जा कर लिया था।
3 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी एयर फोर्स ने भारत पर किया था हवाई हमला, फिर शुरू हुआ भारत-पाक युद्ध
पाकिस्तान ने वो बड़ी भूल की जिसका उसे भारी नुकसान झेलना पड़ा। भारत पर हुए हमले के साथ ही 1971 का आधिकारिक आगाज हो गया था।
Garhwal Rifles का हर युद्ध में बजा है डंका, जानें इस बटालियन के बारे में सबकुछ
चाहे वह 1948 का युद्ध हो या फिर 1962 में चीन के साथ युद्ध और 1965 और 71 में पाकिस्तानी सेना के साथ लोहा लेना हो। Garhwal Rifles के जवानों ने हमेशा अपनी छाप छोड़ी है।
हजारों फीट की ऊंचाई पर देश की रक्षा करने वाले जवानों को क्यों दिया जाता है वायु सेना पदक?
यह पदक असाधारण कर्तव्यपरायणता या अदम्य साहस के ऐसे व्यक्तिगत कारनामे के लिए प्रदान किया जाता है जो वायु सेना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हों।
1971 का युद्ध: कमर के पास गोली लगी और हो गए घायल, शौर्य पदक विजेता सोनेलाल शंखवार की पूरी कहानी
युद्ध के दौरान वह कश्मीर में सैनिकों को लेकर ट्रक से जा रहे थे। दुश्मनों ने बस पर हमला बोला। फायरिंग के दौरान उन्हें कमर के पास गोली लगी।
17 गोलियां खाने के बाद भी मार गिराए थे 70 पाकिस्तानी सैनिक, जानें इस ‘परमवीर चक्र’ विजेता की बहादुरी की कहानी
सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव एकमात्र ऐसे सैनिक हैं, जिन्हें जिंदा रहते सेना के सर्वोच्च सम्मान 'परमवीर चक्र' से सम्मानित किया गया है।