
फाइल फोटो।
Pakistan ने 8 सितंबर 1965 को खेमकरण सेक्टर के उसल उताड़ गांव पर धावा बोल दिया था। ये हमला पैदल सैन्य टुकड़ी के साथ पैटन टैंक के साथ किया गया था।
पाकिस्तान (Pakistan) 1965 में भारत को कमजोर समझकर जंग के मैदान में कूद गया था। पाकिस्तान की यही गलती उसे बहुत भारी पड़ी। अपने दुश्मन को कभी भी कमजोर नहीं समझना चाहिए। पाकिस्तान ने सोचा था कि 1962 में चीन से मिली हार के बाद भारत बुरी तरह से टूट चुका है और सेना भी बेहद कमजोर है। लेकिन पाकिस्तान यह भूल रहा था कि जब भी हमारे जवान पाकिस्तान के खिलाफ जंग में उतरे हैं तो बेहद ही शानदार प्रदर्शन करके वापस लौटे हैं।
ऐसा ही इस युद्ध में भी देखने को मिला था। युद्ध से पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कश्मीर हड़पने की साजिश रची थी। इसके लिए दुश्मन देश ने ‘ऑपरेशन जिब्राल्टर’ चलाया था। पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने के लिए इसे चलाया था जिसके फेल होने के कारण दोनों देशों के बीच 1965 का युद्ध हुआ था पाक सेना के गुरिल्ला जवानों ने स्थानीय कश्मीरियों का रूप रखकर घाटी में घुसपैठ की थी।
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दुश्मनों ने 8 सितंबर 1965 को खेमकरण सेक्टर के उसल उताड़ गांव पर धावा बोल दिया था। ये हमला पैदल सैन्य टुकड़ी के साथ पैटन टैंक के साथ किया गया था। हमारे जवानों ने इस दौरान दुश्मन के टैंकों पर बारीक नजर रखी थी।
इस ऑपरेशन में शुरू में पाकिस्तान को कामयाबी मिली थी लेकिन बाद में डर के मारे पाकिस्तानी उल्टे पांव भागे थे। भारत ने पाकिस्तान की ओर से कश्मीर और पंजाब के एयरबेसेज पर हमले के जवाब में पाकिस्तानी पंजाब को निशाना बनाया। पाकिस्तान को भारी नुकसान का अनुमान हो चुका था लिहाजा वह पीछे हट गया और ‘ऑपरेशन जिब्राल्टर’ बुरी तरह से फेल कर दिया गया।
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