17 गोलियां खाने के बाद भी मार गिराए थे 70 पाकिस्तानी सैनिक, जानें इस ‘परमवीर चक्र’ विजेता की बहादुरी की कहानी

सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव एकमात्र ऐसे सैनिक हैं, जिन्हें जिंदा रहते सेना के सर्वोच्च सम्मान ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया है।

सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव।

सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव एकमात्र ऐसे सैनिक हैं जिन्हें जिंदा रहते सेना के सर्वोच्च सम्मान ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कई मौकों पर उस जंग के मैदान में अपनी बहादुरी के बारे में लोगों को बताया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारत ने बुरी तरह से हराया था। भारतीय सेना के जवानों ने जान की बाजी लगाकर युद्ध में दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा था। आर्मी के एक जवान ऐसे थे जिन्होंने अकेले ही अपने टूटे हाथ से 70 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था। इस योद्धा का नाम सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव है।

यादव एकमात्र ऐसे सैनिक हैं जिन्हें जिंदा रहते सेना के सर्वोच्च सम्मान ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कई मौकों पर उस जंग के मैदान में अपनी बहादुरी के बारे में लोगों को बताया है। योगेंद्र यादव के मुताबिक  युद्ध के दौरान उनका एक हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया था। इसके बावजूद उन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों पर ग्रेनेड फेंका था। इस अटैक के बाद दुश्मन वापस भागने पर मजबूर हुए और तितर-बितर हो गए थे।

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उन्होंने बताया है कि ‘करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित टाइगर हिल दुश्मन के कब्जे में थी। 18 ग्रेनेडियर यूनिट को इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी गई थी। लेफ्टिनेंट खुशहाल सिंह  कुल 21 जवानों के साथ इसे लीड कर रहे थे। दुश्मन ऊंचाई पर मौजूद थे और वह हमारी हर एक हरकत को देख सकते थे। 2 जुलाई की रात हमने चढ़ना शुरू किया था।’

वह बताते हैं ‘दुश्मन की पोस्ट तक पहुंचने के बाद जैसे दुश्मनों को भनक लगी कि हम ऊपर पहुंच चुके हैं, तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जैसे-तैसे हम सात जवान दुश्मनों तक पहुंचे और छिप गए। हालांकि इस दौरान फायरिंग और ग्रेनेड दुश्मनों की तरफ से फेंके गए और हमारे बाकी साथी भी शहीद हो गए। मैं वहां अकेला बचा था और मुझे भी गोलियां लगी थीं। दुश्मन मेरे पास आया मेरी छाती पर गोली मारी लेकिन मेरी पॉकेट में एक सिक्का था और गोली उससे टकरा गई। 17 गोलियां खाने के बावजूद हम टाइगर हिल पर तिरंगा लहराने में कामयाब हुए और 70 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर कर दिया था।

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