1999 का युद्ध: इस जवान ने 5 गोलियां लगने के बावजूद 48 पाक सैनिकों को मार गिराया, काट दी थी मेजर की गर्दन

‘मुझे पांच गोलियां भी लगी, फिर भी कुल 48 पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को मार गिराया था। 5 हजार फुट ऊपर पहाड़ियों पर यह लड़ाई लड़ी गई थी।’

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महावीर चक्र विजेता दिगेंद्र कुमार।

‘मुझे पांच गोलियां भी लगी, फिर भी कुल 48 पाकिस्तानी (Pakistan) सैनिकों और घुसपैठियों को मार गिराया था। 5 हजार फुट ऊपर पहाड़ियों पर यह लड़ाई लड़ी गई थी।’

भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) को 1999 के कारगिल युद्ध में बुरी तरह से हराया था। कश्मीर हड़पने की चाह लेकर युद्ध में उतरा पाकिस्तान भारतीय सेना के शौर्य के आगे कहीं भी टिक नहीं सका। हमारे जवानों ने युद्ध में ऐसा पराक्रम दिखाया जिसे याद कर दुश्मन देश आज भी कांप उठता होगा। सेना ने बेहद ही रणनीतिक तरीके से युद्ध में जीत हासिल की। भारतीय सेना का मुकाबला पाकिस्तानी सेना के साथ-साथ वहां से आए घुसपैठियों के साथ था।

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यूं तो युद्ध में हर एक जवान की अहम भूमिका होती है लेकिन कुछ जवान बहादुरी की ऐसी मिसाल पेश करते हैं जिन्हें सालों साल याद रखा जाता है। ऐसे ही एक जवान थे महावीर चक्र विजेता दिगेंद्र कुमार। उन्होंने पांच गोलियां लगने के बावजूद 48 पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को मार गिराया था।

इस युद्ध के बारे में उन्होंने कई मौकों पर अपने अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने बताया ‘मुझे पांच गोलियां भी लगीं, फिर भी कुल 48 पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को मार गिराया था। 5 हजार फुट ऊपर पहाड़ियों पर यह लड़ाई लड़ी गई थी। तोलोलिंग पहाड़ी को मुक्त कराना हमारा लक्ष्य था।’

वे बताते हैं, ‘दुश्मनों ने ऊपर चोटी पर अपने 11 बंकर बना रखे थे और उससे ऊपर घना अंधेरा था। हम उनके बंकरों के पास पहुंचे तो मैंने एक हथगोला बंकर में सरका दिया। वह फटा तो अंदर से चिल्लाने की आवाज आई। लेकिन एक बंकर राख हो चुका था क्योंकि मेरा निशाना सही जगह लगा था।’

दिगेंद्र कुमार के मुताबिक, ‘इसके बाद आपसी फायरिंग शुरू हो गई। मेरे सीने में तीन गोली लगी और पैर में भी गोली लगने के बाद कपड़े खून से लथपथ थे। मैंने इस दौरान हार नहीं मानी और अकेले ही 11 बंकरों में 18 हथगोले फेंके और सारे बंकरों को भस्म कर दिया। मैंने इस दौरान पाकिस्तानी मेजर अनवर खान को देखा और उनपर टूट पड़ा। इस दौरान मैंने उनकी गर्दन काटकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया।’

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