कारगिल युद्ध: बिहार रेजिमेंट के हवलदार रतन सिंह ने कई पाक सैनिकों को उतारा था मौत के घाट, ऐसी है इस शहीद की कहानी
युद्ध में जीत दिलाने के लिए भारत के कई जवानों ने जान की कुर्बानी दी। इनमें एक नाम बिहार रेजिमेंट के हवलदार रतन सिंह का भी है।
कारगिल युद्ध: सेना ने द्रास से लेकर टरटोक तक लहराया था तिरंगा, दुश्मन हर मोर्चे पर थे फेल
युद्ध को जीतने के लिए सेना ने कई ऑपरेशन लॉन्च किए थे जिसके बाद द्रास से लेकर टरटोक तक सेना तिरंग लहरकार वापस लौटी। सेना के सैनिकों ने शानदार युद्ध किया था।
कारगिल युद्ध: लद्दाख के युवाओं ने की थी भारतीय सेना की मदद, जानें कैसे
कारगिल युद्ध से जुड़ी कई ऐसी बातें जिनके बारे में आपको जानना चाहिए। इस युद्ध में लद्दाख के युवाओं ने भी सेना की खूब मदद की थी।
कारगिल शौर्य की गाथा: जब सेना ने कर दिखाया असंभव को संभव, जानें क्या थी प्वाइंट 5770 की चुनौती
भारतीय जवानों को दुश्मन आराम से चढ़ाई करते हुए देख सकते थे। भारतीय जवानों को करीब एक किलोमीटर ऊंचे पहाड़ पर खड़ी चढ़ाई करनी थी।
ऑपरेशन ‘सफेद सागर’ के जरिए पाक सेना पर मिराज 2000 से गिराए बम, कारिगल में अहम साबित हुई थी एयरफोर्स
युद्ध के दौरान फोर्स ने दुश्मनों का सफाया करने के लिए ऑपरेशन 'सफेद सागर' चलाया था। उस दौरान भारत के पास मिग 21, मिग 23 और मिग 27 जैसे लड़ाकू विमान थे।
एनसीसी कैडेट्स को आर्मी में भर्ती के दौरान मिलती है तरजीह, जानें क्या है इसके अस्तित्व की कहानी
एनसीसीस को 1942 में ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय अधिकारी प्रशिक्षण कोर के उत्तराधिकारी के रूप में माना जा सकता है।
स्कूल में NCC कैडेट और फिर एयर फोर्स में अधिकारी, जानें माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाली निवेदिता की कहानी
अबतक कई एनसीसी कैडेट ने सेना में भर्ती होकर देश का नाम रोशन किया है। एनसीसी कैडेट रहीं और फिर एयरफोर्स में अधिकारी रैंक पर तैनात हुईं।
15 जुलाई, 1948 के दिन राष्ट्रीय कैडेट कोर की स्थापना की गई थी, जानें इसके बारे में सबकुछ
एनसीसी का लक्ष्य छात्रों को समाज के अच्छे नागरिक बनाने और उन्हें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र मे योग्य और अग्रणी बनाना है। आजादी के बाद 15 जुलाई, 1948 को देश की तीनों सेना को मजबूती प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय कैडेट कोर की स्थापना की गई थी।
कश्मीर के बारामूला में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकवादियों को किया ढेर, ऐसे चला पूरा ऑपरेशन
ऑपरेशन के दौरान सेना को बड़ी कामयाबी हाथ लगी और एक साथ तीन आतंकवादी को मौके पर ही ढेर कर दिया गया। सेना ने काउंटर ऑपरेशन में आतंकियों को मार गिराया।
छत्तीसगढ़ दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने सड़क को काटा, 13 साल के लंबे इंतजार के बाद ग्रामीणों के लिए बन पाई थी
पहले भी कई बार इस रूट की सड़क को नक्सलियों ने नुकसान पहुंचाया है। बहरहाल अब एक बार फिर ग्रामीणों को लंबा सफर तय करके दूसरी जगहों पर जाना होगा।
झारखंड: नक्सलियों ने कोल्हान वन विभाग के कार्यालय को दहलाया, ताबड़तोड़ आईईडी ब्लास्ट से किया हमला
पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है इसके साथ ही हमला किन परस्थितियों में किया गया इसकी भी गहनता से जांच चल रही है। हथियारबंद लोगों के एक समूह ने शनिवार की रात हमला किया है।
कारगिल युद्ध में बेटे और पिता की इस जोड़ी ने लिया था हिस्सा, कांप उठे थे दुश्मन
युद्ध में भारतीय सैनिक शहीद भी हुए जिनकी वीरता के लिए आज पूरा देश उनपर गर्व महसूस करता है। सेना के कई ऐसे जवान हैं जिन्होंने खुद की जान की परवाह किए बिना दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया।
कारगिल युद्ध के ‘हीरो’ अनुज नैय्यर के जज्बे की बेमिसाल कहानी, मरणोपरांत मिला था महावीर चक्र
टाइगर हिल के पश्चिम में पॉइंट 4875 को खाली कराने की जिम्मेदारी कैप्टन नैय्यर को दी गई थी। टाइगर हिल को पूरी तरह से पाकिस्तानी घुसपैठियों ने घेर रखा था।
कारगिल युद्ध: जब सेना ने हासिल कर ली थी मश्कोह घाटी की अंतिम पोस्ट, जानें कैसे मिली थी फतह
पाकिस्तान ने 1999 में भारत को धोखा दिया था। एक समझौते का उल्लंघन करके ये धोखा दिया गया था। शिमला समझौते के तहत भारत-पाक के बीच 1972 में एग्रीमेंट हुआ था।
कारगिल युद्ध: जब मिग-27 के जरिए भारत ने किया युद्ध का आगाज, थरथर कांप उठा था पाक
38 साल तक अपनी सेवा देने के बाद ये रिटायर हो गए। मिग सीरीज के अन्य वैरिएंट, मिग-23 बीएन और मिग-23 एमएफ और विशुद्ध मिग 27 पहले ही सेना से रिटायर हो चुके हैं।
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 6 लाख 75 हजार 453, अबतक 19 हजार 303 लोगों की मौत
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक 4 जुलाई तक कोरोना के कुल 97,89,066 सैंपल्स टेस्ट किए गए हैं।
लद्दाख में भारतीय सेना की एक और डिवीजन तैनात, चीन को मुंहतोड़ जवाब देंगे जवान!
चीन ने एलएसी के पार अपने सैनिकों की तैनाती में जबरदस्त बढ़ोत्तरी की है। चीन की शुरू से यह नीति रही है कि वह भारतीय सीमा में घुसकर थोड़ा पीछे होता है और बाकी की जमीन पर कब्जा कर लेता है।