कारगिल युद्ध में बेटे और पिता की इस जोड़ी ने लिया था हिस्सा, कांप उठे थे दुश्मन

युद्ध में भारतीय सैनिक शहीद भी हुए जिनकी वीरता के लिए आज पूरा देश उनपर गर्व महसूस करता है। सेना के कई ऐसे जवान हैं जिन्होंने खुद की जान की परवाह किए बिना दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया।

लेफ्टिनेंट जनरल एएन औल ने अपने बेटे कर्नल अमित औल के साथ।

युद्ध में भारतीय सैनिक शहीद भी हुए जिनकी वीरता के लिए आज पूरा देश उनपर गर्व महसूस करता है। सेना के कई ऐसे जवान हैं जिन्होंने खुद की जान की परवाह किए बिना दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया।

पाकिस्तान के खिलाफ 1999 में लड़े गए कारगिल के युद्ध में भारतीय सेना ने दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा था। सेना के शौर्य और गोलियों ने पाक सेना को कश्मीर से बुरी तरह खदेड़ दिया था। इस युद्ध में सेना के लिए चुनौतियां बहुत थी लेकिन जवानों का हौसला एकबार भी नहीं डगमगाया और देखते ही देखते सेना ने हर ऑपरेशन में जीत हासिल की।

इस युद्ध में भारतीय सैनिक शहीग भी हुए जिनकी वीरता के लिए आज पूरा देश उनपर गर्व महसूस करता है। सेना के कई ऐसे जवान हैं जिन्होंने खुद की जान की परवाह किए बिना दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया। कारगिल से जुड़ी कई बातें सामने आई हैं लेकिन करगिल युद्ध में कंधे से कंधा मिलाकर बाप-बेटे की एक जोड़ी ने भी हिस्सा लिया था। 1999 में लेफ्टिनेंट जनरल एएन औल ने अपने बेटे कर्नल अमित औल के साथ करगिल में हिस्‍सा लिया था।

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युद्ध के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल औल ब्रिगेडेयिर थे। उन्हें 56 माउंटेन ब्रिगेड को लीड करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस ब्रिगेड ने तोलोलिंग और टाइगर हिल पर विजय पाई थी।वहीं अमित उस समय 3/3 गोरखा राइफल्‍स में सेकंड लेफ्टिनेंट थे। खास बात यह है कि दोनों ने युद्ध के दौरान एक दूसरे से कोई बातचीत ही नहीं की थी।

दोनों देश सेवा में इनते लीन थे कि एक दूसरे का हाल भी नहीं जाना। यहीं नहीं 26 जुलाई 1999 में जीत की घोषणा के बाद भी दोनों ने करीब 2 महीने बाद एक दूसरे से मुलाकात की थी। स्वयं कर्नल अमित औल ने इस बात का खुलासा किया है। बता दें कि जनरल औल को उत्‍तम युद्ध सेवा मेडल (यूवाईएसएम) और अमित को सेना मेडल दिया गया।

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