Kargil Vijay Diwas

कारगिल युद्ध (Kargil war) के लिए गुरदीप सिंह ने रातों-रात झंडे तैयार किए थे। सेना की ओर से उन्हें एक बार अर्जेंट कहा गया था कि 23 झंडे चाहिए।

आज कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारत की जीत को 22 साल पूरे हो गए हैं। इस दिन को 'कारगिल विजय दिवस' (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है। इस युद्ध में पाकिस्तान (Pakistan) को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में भीषण कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा। भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान (Pakistan) को चौथी बार जंग के मैदान में पटखनी दी थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को भारत ने बुरी तरह से मात दी थी। भारतीय सेना (Indian Army) ने ऐसा पराक्रम दिखाया था, जिसे देखने के बाद दुश्मन देश आज भी थर-थर कांप उठता होगा।

Kargil War 1999: पाकिस्तानी घुसपैठिए कारगिल के कुछ चरवाहों को अपनी गिरफ्त में लेने की प्लानिंग कर रहे थे लेकिन उन्होंने किसी कारण ऐसा नहीं किया।

Kargil War 1999: गुपचुप तरीके से घुसपैठ को अंजाम देना का मकसद सियाचिन से भारत को अलग-थलग करना था। भारत ने 1984 में सियाचिन पर कब्जा कर लिया था।

Kargil War 1999: सेना के वीर सपूतों ने हर मोर्चे पर दुश्मनों को पटखनी देकर यह साबित कर दिया था कि भारत मां की तरफ आंख उठाने वालों को किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़ा गया कारगिल का युद्ध (Kargil War) भारतीय सेना (Indian Army) की बहादुर की कहानी है। इस युद्ध में भारतीय जवानों ने दुश्मनों को जो सबक सिखाया था, उसे यादकर पाकिस्तान आज भी थर-थर कांप उठता होगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने जबरदस्त जीत हासिल की थी। कारगिल का नाम सुनते ही भारतीय जवानों के बहादुरी के किस्से याद आते हैं।

कुछ सैनिक ऐसे होते हैं जिनके शौर्य के किस्से हमेशा याद किए जाते हैं। ऐसे ही एक जवान लेफ्टिनेंट प्रवीण तोमर (Lieutenant Praveen Tomar) भी थे। शहीद होने से पहले उन्होंने एक खत लिखा था। 

उत्तराखंड के नैनीताल में जन्में वीर योद्धा मेजर राजेश सिंह अधिकारी ने अपनी दिलेरी का परिचय देते हुए मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी थी।

भारतीय सेना के परमवीर कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra) की शहादत हमेशा लोगों के जेहन में रहेगी। कारगिल के युद्ध में अपने साथी की जान बचाकर वे खुद शहीद हो गए थे।

सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव एकमात्र ऐसे सैनिक हैं, जिन्हें जिंदा रहते सेना के सर्वोच्च सम्मान 'परमवीर चक्र' से सम्मानित किया गया है।

कारगिल युद्ध में सेना को लीड करने वाले कई अधिकारियों ने कई मौकों पर कहा है कि भारतीय वायुसेना के हवाई हमले से दुश्मन का मनोबल टूटा था।

युद्ध के दौरान 13 जून 1999 की रात को मोहम्मद असद कभी भुला नहीं पाते। उनके पास में आकर गिरे एक बम से हुए धमाके ने उन्हें जीवन भर के लिए दिव्यांग बना दिया।

युद्ध के दिनों को याद करते हुए नायक दीपचंद ने अपने अनुभवों और उस दौरान किन परिस्थितियों में जीत हासिल हुई थी इसका जिक्र किया है।

Kargil Viyay Diwas: भले ही 1999 के युद्ध में शामिल कुछ वीर योद्धा हमारे बीच नहीं हैं, पर उनके पराक्रम और साहस को सुनकर भारत के हर नागरिक सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। आज हम आपको कारगिल युद्ध 1999 पर बनी कुछ फिल्मों के बताते हैं।

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