Kargil War 1999: Indian Air Force के सार्जेंट मोहम्मद जावेद आलम का ऐसा था अनुभव, साथियों को खोने का दर्द आज भी है

Kargil War 1999: सेना के वीर सपूतों ने हर मोर्चे पर दुश्मनों को पटखनी देकर यह साबित कर दिया था कि भारत मां की तरफ आंख उठाने वालों को किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा।

Mohammad Javed Alam

Mohammad Javed Alam

Kargil War 1999: इस युद्ध में अपने अनुभव को साझा करते हुए एयर फोर्स के सार्जेंट मोहम्मद जावेद आलम (Mohammad Javed Alam) ने बताया कि एक तरफ साथियों को खोने का दर्द था तो दूसरी ओर विजय का आनंद भी था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने दुश्मनों को बुरी तरह से हराया था। सेना के वीर सपूतों ने हर मोर्चे पर दुश्मनों को पटखनी देकर यह साबित कर दिया था कि भारत मां की तरफ आंख उठाने वालों को किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा।

इस युद्ध में बिहार के कटिहार के वीर सुपूत एयर फोर्स के सार्जेंट मोहम्मद जावेद आलम (Mohammad Javed Alam) ने भी हिस्सा लिया था। इस युद्ध में अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने बताया है कि एक तरफ साथियों को खोने का दर्द था, तो दूसरी ओर विजय का आनंद भी था।

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उस समय कॉर्पोरल (स्ट्रेटजी प्लानिंग) में शामिल मोहम्मद जावेद आलम (Mohammad Javed Alam) बताते हैं, “दुश्मनों के दांत खट्टे कर उनपर विजय पाने का जो आनंद था, वह अद्भुत था। उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। लेकिन साथ ही साथियों को खोने का दर्द था, जो आज भी पीड़ा देता है।”

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वे आगे बताते हैं, “मैंने 1995 में एयर फोर्स (Indian Air Force) ज्वॉइन की थी। महज चार साल में ही मुझे जंग के मैदान में उतरना पड़ा था। मुझे और मेरी टीम को पाकिस्तानी रडार पर ध्यान रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। डेढ़ महीने तक चले इस युद्ध में परिवार के पास जाने की सोचते तो थे, लेकिन पीठ दिखाकर नहीं लौटना चाहते थे। मेरे दोनों भाई भी सेना में शामिल हैं, तो जंग के दिनों में देश के लिए एक तरह से पूरा परिवार समर्पित रहता था।”

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