Kargil Vijay Diwas 2020: देशभर में कारगिल के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि, देखें फोटो….
भारतीय सेना के 'गजराज कॉर्प्स' ने भी विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas 2020) के अवसर पर कारगिल शहीदों को नमन किया। तेजपुर में गजराज वार मेमोरियल में लेफ्टिनेंट जनरल शांतनु दयाल ने माल्यार्पण कर कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
कारगिल के इस योद्धा ने 19 साल तक लड़ी पेंशन की लड़ाई लेकिन नहीं मानी हार
उन्होंने कारगिल युद्ध की सबसे दुर्गम चोटी टोलोलिंग पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देकर जीत हासिल की थी। इस दौरान उन्हें गोली लगी और वह घायल हो गए थे।
‘कारगिल विजय दिवस’ पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, चीन और पाकिस्तान को चेताया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और तीनों सेनाओं प्रमुखों ने कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के मौके पर पर नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial) में शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
Kargil Vijay Diwas: ब्रिगेडियर कारिअप्पा की वीरगाथा, हथियारों की कमी के बाद भी ऐसे जीती जंग
पूरे 21 साल पहले हुए कारगिल युद्ध को यादकर ब्रिगेडियर कारिअप्पा की आंखे नम हो जातीं हैं।
Kargil Vijay Diwas: राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी ने शहीदों को किया नमन, कहा…
Kargil Vijay Diwas: 26 जुलाई को हर साल करगिल दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुश्किल परिस्थियों में हमारे जांबाजों ने हिम्मत नहीं हारी और पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर भगाया था। आज पूरा देश उन वीर शहीदों को नमन कर रहा है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपनी जान कुर्बान कर दी थी।
कारगिल युद्ध पर PM मोदी ने कहा- PAK ने पीठ में छुरा घोंपा, भारतीय जवानों ने दिखाया पराक्रम
पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में कारगिल को याद किया और पाकिस्तान पर निशाना साधा।
कारगिल युद्ध: टाइगर हिल पर कब्जे की कहानी परमवीर चक्र विजेता की जुबानी, जानें क्या हुआ था उस वक्त
हम टाइगर हिल से 50 से 60 मीटर की दूरी पर थे तभी पाक सैनिकों को भनक लग गई और उन्हें पता लग गया हम कब्जे वाले इलाके में हैं। इसके बाद उन्होंने तुरंत फायरिंग शुरू कर दी। हम जिस जगह पर खड़े थे अगर उससे एक कदम आगे बढ़ाते तो तब भी मरना पक्का था।
कारगिल युद्ध: Pak ने इन पोस्ट पर किया था कब्जा, सेना ने दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा और फहराया तिरंगा
कारगिल में भारतीय सेना के हथियारों ने अपनी ऐसी छाप छोड़ी जिसको याद कर आज भी पाकिस्तान थर-थर कांप उठता है।
गोरखा रेजीमेंट की खुखरी और शौर्य देख कांप उठे थे पाक सेना के जवान, कारगिल में ऐसे बजाया था डंका
भारतीय फील्ड मार्शल रहे सैम मनेकशॉ ने कहा था कि 'अगर कोई यह कहता है कि उसे मरने से डर नहीं लगता तो या तो वह शख्स झूठ बोल रहा है या फिर वह एक गोरखा है।'
कारगिल युद्ध का वीर सपूत जिसने हथियार खत्म होने के बाद भी दुश्मनों का डटकर किया था मुकाबला
युद्ध में दुश्मनों से लड़ते वक्त हथियार खत्म हो गए लेकिन देश के लिए कुछ कर गुजरने की दृढ़ इच्छा ने उन्हें पीछे हटने नहीं दिया और वह आगे बढ़ते रहे।
कारगिल विजय: मेरठ से भेजी गई थी सेना की ये खास रेजीमेंट, शौर्य की गाथा सुन सीना हो जाएगा गर्व से चौड़ा
जंग में मेरठ के रणबांकुरों ने भी अद्भुत पराक्रम का परिचय दिया था। मेरठ से सेना की दो रेजीमेंट खास तौर पर कारगिल हिल पर कब्जा करने के लिए रवाना की गईं।
Kargil Vijay Diwas: “जमाने भर में मिलते हैं आशिक कई‚ मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता”
कारगिल में शहीद हुए जवानों की शहादत को कोई नहीं भुला सकता। संपूर्ण कृतज्ञ राष्ट्र असंख्य वीर शहीदों का हमेशा ऋणी रहेगा‚ जिन्होंने कारगिल की लड़ाई (Kargil War) में अपने अतुल्य साहस का प्रदर्शन करते हुए देश की एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
कारगिल युद्ध: अकेले ही दुश्मनों से भिड़ गया था भारतीय सेना का ये जवान, आज भी दी जाती है मिसाल
कौशल को लगा कि दुश्मन उनकी टीम को वहां से बेदखल करना चाहता है। वह खुद की चिंता किए बगैर आमने-सामने भिड़ गए।
भारत और पाक के बीच 1972 में क्यों हुआ था शिमला समझौता? कारगिल से भी जुड़ा है कनेक्शन
भारत ने समझौते के तहत सेना को पीछे बुला लिया पर पाक ने ऐसा नहीं किया। पाकिस्तानी सेना के 5 हजार जवानों ने कारगिल की महत्वपूर्ण पोस्टों पर कब्जा कर लिया।
कारगिल पर कब्जा करने की नापाक कोशिश में PAK ने रची थी ये साजिश, सेना ने ऐसे सिखाया था सबक
सेना ने एक के बाद एक ऑपरेशन लॉन्च कर पाक सेना के कब्जे वाली पोस्ट पर फतह हासिल कर तिरंगा लहराया और पाकिस्तानियों को कारगिल से ही खदेड़ दिया गया।
कारगिल युद्ध में 527 जवान हो गए थे शहीद, पाकिस्तान को हर मोर्चे पर फेल कर दी कुर्बानी
युद्ध में भारत के 1300 से ज्यादा जवान घायल हुए थे। पाक सेना को भारत से कहीं ज्यादा नुकसान हुआ। उसने अपने सैनिकों की लाशें लेने से भी इनकार कर दिया था।
कारगिल: 3 तरफ से घिरे होने के बाद भी इस भारतीय वीर ने पाकिस्तान को सिखाया था सबक
क्या आपने कभी कल्पना भी की है, क्या मंजर होता होगा युद्ध के मैदान में। भारत-पाक सीमा के सबसे खतरनाक चेक पोस्ट पर तैनात महेंद्र प्रताप सिंह राणा ने इस युद्ध के संघर्ष की कहानी के बारे में मीडिया से बात की।