कारगिल युद्ध: Pak ने इन पोस्ट पर किया था कब्जा, सेना ने दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा और फहराया तिरंगा

कारगिल में भारतीय सेना के हथियारों ने अपनी ऐसी छाप छोड़ी जिसको याद कर आज भी पाकिस्तान थर-थर कांप उठता है।

Pakistan

(फाइल फोटो)

पाकिस्तान ने तोलोलिंग, तोलोलिंग टॉप, टाइगर हिल और राइनो होन पर किया था कब्जा। हेलमेट टॉप, शिवलिंग पोस्ट, रॉकीनोब और 4875 बत्रा टॉप जैसी 400 पोस्टों पर भी कब्जा कर लिया था।

कारगिल युद्ध (kargil War) के दौरान भारतीय सेना ने जो पराक्रम दिखाया था उसे याद कर पाकिस्तानी सेना आज भी थर-थर कांप उठती है। 1999 में लड़े गए इस युद्ध में सेना ने हर उस पोस्ट को पाक से वापस पाया जिसपर उसने धोखे से कब्जा किया था। करीब 40 दिन चली लड़ाई में सेना ने पोस्ट दर पोस्ट तिरंगा लहराया। पाकिस्तानी सेना के जवानों को इस युद्ध में भगा-भगाकर मारा गया।

पाकिस्तान (Pakistan) ने तोलोलिंग, तोलोलिंग टॉप, टाइगर हिल और राइनो होन पर कब्जा किया था। हेलमेट टॉप, शिवलिंग पोस्ट, रॉकीनोब और 4875 बत्रा टॉप जैसी 400 पोस्टों पर भी कब्जा कर लिया था। इन पोस्टों को वापस पाने के लिए सेना ने एक के बाद एक कई सफल ऑपरेशन लॉन्च किए। इस दौरान हमारे कुल 527 जवान शहीद हुए और 1300 जवान घायल हुए। सेना को इस युद्ध में भारी नुकसान हुआ।

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कारगिल में भी भारतीय सेना के हथियारों ने अपनी ऐसी छाप छोड़ी जिसको याद कर आज भी पाकिस्तान थर-थर कांप उठता है। 1999 में करीब दो महीने चले इस युद्ध में 27 किलोमीटर तक गोले दागने वाली बोफोर्स तोपों को बखूबी इस्तेमाल किया गया था। इसका बैरल 70 डिग्री तक घूम सकता है।

वहीं कारगिल युद्ध में सेना को लीड करने वाले कई अधिकारियों ने कई मौकों पर कहा है कि भारतीय वायुसेना के हवाई हमले से दुश्मन का मनोबल टूटा था। वायुसेना ने 32 हजार फीट की ऊंचाई से जम्मू कश्मीर के द्रास-कारगिल इलाके में टाइगर हिल पर एयर पावर का इस्तेमाल किया था। मिग-27 और मिग-29 के जरिए पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों पर बम गिराए गए थे। इस दौरान कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया था।

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