Kashmir

मारे गये आतंकी की पहचान अभी नहीं हो पाई है। हालांकि अभी भी 2-3 तीन आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। तुर्कवांगम में सुरक्षाबलों का ये अभियान जारी है, जल्द ही बड़ी कामयाबी हाथ लग सकती है। 

पिछले कई दशकों में किसी ने ये नहीं सोचा था कि जम्मू कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 को कभी भी निरस्त किया जाएगा‚ लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह संभव हुआ और इसी तरह पीओजेके को फिर से प्राप्त करने का संकल्प भी पूरा होगा।

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) प्रशासन द्वारा घाटी में सरकारी संस्थानों में काम करने वाले हिंदूओं को 10 दिन की छुट्टी दी गई है। जिससे कि वे लोग स्थिति सामान्य होने तक सुरक्षित जगह जा सकें।

घाटी में आतंकियों के खिलाफ अभियान जारी है। इस बीच सोमवार को भारतीय सेना ने कश्मीर में सक्रिय आतंकियों और सीजफायर के मुद्दे पर जानकारी साझा की है।

संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीरी आवाम से वोट करने की बात कही कि वे किसके साथ रहना चाहते हैं। इसपर भारत के पक्ष में वोट जाता देख पाकिस्तान ने सीजफायर की बात मानी।

कश्मीर (Kashmir) के गुरेज सेक्टर में 23 लड़कों को हथियार उठाने के लिए मजबूर किया गया था। लेकिन सेना (Indian Army) ने उन्हें बचा लिया था।

भारतीय सेना (Indian Army) के जवान हर मुश्किल का सामना कर भारत मां की रक्षा करते हैं। सेना के जवान अपनी जिंदगी दांव पर लगातार सीमा पर तैनात रहते हैं।

अक्टूबर में शहीद जवान (kamal Dev)0 की शादी होने वाली थी, लेकिन किसने सोचा था कि उनका प्यारा बेटा कफन में लिपटकर घर आएगा।

जम्मू संभाग के पुंछ जिले के जावेद खालिद, सोफी की बेटी के मंगेतर हैं और सोफी की करीबी मखदूमी ने एसएमसी चुनाव लड़ा था, लेकिन वह असफल रही थीं। सोफी एक पूर्व आतंकी है, जो एसएमसी में नौकरी पाने में कामयाब रहा।

बीते दो सालों में कश्मीर (Kashmir) की तस्वीर काफी बदल गई है। आतंकवाद और अलगाववाद लगातार कमजोर हो रहा है। सरकार और सुरक्षाबलों की लगातार कोशिशों की वजह से आम कश्मीरी उनसे जुड़ाव महसूस करने लगा है।

इस साल जो 50 युवा आतंकी (terrorists) बने, उनमें से 35 मारे जा चुके हैं और 10 को पकड़ लिया गया है। बाकी की तलाश जारी है।

कश्मीर (Kashmir) में सुरक्षाबलों एक और नई मुश्किल पैदा हो गई है। इस नई मुश्किल का नाम है हाइब्रिड आतंकी (Hybrid Terrorists)।

पूरे मैच के दौरान उनकी निगाहे जाकिर को ढूंढ रही थीं लेकिन वो नदारद था। उनके दिमाग में अजीब से ख्याल आ रहे थे। शायद बीमार तो नहीं हो गया या फिर नूरपुरा वालों ने उसे मुखबिर करार दे कर अलग तो नहीं कर दिया।

सीमापार से गोलीबारी की घटनाएं नहीं हो रही हैं। लेकिन एक समस्या है जो अभी खत्म नहीं हुई है और वह है आतंकियों की भर्ती। कोविड-19 (Covid-19) महामारी के बावजूद कश्मीर (Kashmir) में आतंकियों (Terrorits) की भर्ती जारी है।

भारत और पाकिस्तान आजादी के बाद अलग-अलग हो गए। धर्म के नाम पर आपस में अलग होने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) भारत की हर वो चीज हड़पना चाहता था जो बेशकीमती है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने कहा है कि कश्मीर से अनुच्छेद-370 (Article 370) हटाना भारत का आंतरिक मामला है। 

यूपी के बागपत के रहने वाले जवान पिंकू कुमार (Pinku Kumar) शनिवार रात कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए।

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