जब Indian Army ने श्रीनगर से लेकर कुपावड़ा तक घुसे कबाइलियों और पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ा

भारत और पाकिस्तान आजादी के बाद अलग-अलग हो गए। धर्म के नाम पर आपस में अलग होने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) भारत की हर वो चीज हड़पना चाहता था जो बेशकीमती है।

Jammu and Kashmir

फाइल फोटो।

India Pakistan War: भारतीय सेना (Indian Army)  के जवानों ने श्रीनगर, बड़गांव, बारामूला, उड़ी, सोपोर, कुपावड़ा क्षेत्रों में घुसे कबाइलियों और पाकिस्तानी सैनिकों को कश्मीर से बाहर निकाल फेंका था।

भारत और पाकिस्तान आजादी के बाद अलग-अलग हो गए। धर्म के नाम पर आपस में अलग होने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) भारत की हर वो चीज हड़पना चाहता था जो बेशकीमती है। कश्मीर (Kashmir) को हड़पने के लिए पाकिस्तान ने 1948 में कबायलियों और सेना की मदद से बड़ी साजिश रची थी।

इस साजिश को हमारे जवानों ने बुरी तरह से विफल कर दिया था। आजादी के बाद कश्मीर भारत का हिस्सा हो गया और पाकिस्तान को यह आज तक खल रहा है। पाकिस्तान की कश्मीर की चाह आजतक जस की तस है। हर बार मुंह की खाने के बाद भी वह कश्मीर के लिए संघर्ष करता है।

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कबायलियों को पाकिस्तानी सेना का समर्थन हासिल था। कबायली भेष बदलकर कश्मीर की सरजमीं पर दाखिल होते और लूट, रेप, हत्याओं को अंजाम देते। इनका सिर्फ एक ही मकसद था कश्मीर में अशांति फैलाना।

युद्ध में भारत को बड़ी जीत हासिल हुई थी, लेकिन कश्मीर का एक बहुत बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के हाथ लग गया था। दरअसल, भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों ने श्रीनगर, बड़गांव, बारामूला, उड़ी, सोपोर, कुपावड़ा क्षेत्रों में घुसे कबाइलियों और पाकिस्तानी सैनिकों को कश्मीर से बाहर निकाल फेंका था।

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हमारे जवान जब मोर्चे पर डटे हुए थे और एक-एक कर दुश्मनों को खदेड़ते हुए पूरे कश्मीर पर कब्जा करने के लिए अग्रसर थे तभी तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र में युद्धविराम की घोषणा कर दी।

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31 दिसंबर, 1948 की रात के 12 बजे से यह युद्ध विराम लागू हो गया। इसके बाद सेना लौट आई और पाकिस्तान के हाथ कश्मीर का बहुत बड़ा हिस्सा लग गया, जिसे पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के नाम से जाना जाता है।

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