हिमाचल प्रदेश: शहीद कमल देव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, ताबूत पर सजाया गया था दूल्हे का लिबास

अक्टूबर में शहीद जवान (kamal Dev)0 की शादी होने वाली थी, लेकिन किसने सोचा था कि उनका प्यारा बेटा कफन में लिपटकर घर आएगा।

kamal Dev

शहीद कमल (kamal Dev) देव महज 27 साल के थे और साल 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। वे भारतीय सेना की डोगरा रेजिमेंट में तैनात थे।

हमीरपुर: शनिवार (24 जुलाई) को जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए जवान कमल देव (kamal Dev) का पार्थिव शरीर जब हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर स्थित पैतृक गांव पहुंचा तो सभी लोग भावुक हो गए। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

जवान का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उन्हें चचेरे भाई ने मुखाग्नि दी। 

बता दें कि अक्टूबर में शहीद जवान की शादी होने वाली थी, लेकिन किसने सोचा था कि उनका प्यारा बेटा कफन में लिपटकर घर आएगा।

शहीद के पार्थिव शरीर पर उनके भाई ने दूल्हे के कपड़े भेंट किए और अविवाहित होने की वजह से परिजनों ने शादी की रस्में निभाईं।

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शहीद कमल (kamal Dev) देव महज 27 साल के थे और साल 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पुंछ जिले के मनकोट सेक्टर में 24 जुलाई को नियंत्रण रेखा (LoC) पर हुए माइन ब्लास्ट (Mine Blast) में वह शहीद हो गए थे। वे भारतीय सेना की डोगरा रेजिमेंट में तैनात थे।

शहीद कमल हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर (Hamirpur) जिले के ग्राम पंचायत लगमनवी के गांव घुमारली के रहने वाले थे। वह अपने पीछे माता-पिता, बड़ा भाई और 2 बहनें छोड़ गए हैं। 

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