Kargil War 1999: करीब 2 लाख सैनिकों के कंधों पर था ‘ऑपरेशन विजय’ का जिम्मा
युद्ध के दौरान बतरा टॉप, टाइगर हिल, तोलोलिंग टॉप पर करगिल युद्ध के दौरान की ऊंची बर्फीली चोटियों पर छुपकर बैठे दुश्मन को भारतीय सेना के वीर जवानों ने अपनी जान पर खेलकर मार भगाया था।
Kargil War: भारत-पाकिस्तान की वह लड़ाई जिसकी तस्वीरें देश के घर-घर में पहुंचीं
Kargil War: कई तस्वीरें तो ऐसी थीं जिसमें जवान कंधों पर हथियार और सामान लादकर कई-कई किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई करते नजर आए थे।
वीर चक्र विजेता जयराम सिंह: मिला था तोलोलिंग पहाड़ी से दुश्मनों को खदेड़ने का काम, जानें कैसा था अनुभव
कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान कई सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय दिया था। अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर इन जवानों ने देशप्रेम और बहादुरी का परिचय दिया था।
Kargil War 1999: …जब गांव वालों ने 20 किलोमीटर चलकर पहुंचाया सेना तक सामान
गांवों के युवाओं ने सेना की इस जरूरत को समझा और उन तक सामान पहुंचाया गया। बताया जाता है कि जवानों तक खाने-पीने का सामान और अन्य कुछ जरूरी सामान पहुंचाया जाता था।
क्या है हवाला कारोबार जिसका इस्तेमाल करते हैं आतंकवादी? यहां जानें
कैश को बगैर ट्रांसफर किए, ट्रांजेक्शन किया जाना इस कारोबार की खासियत है। यह काम हवाला ब्रोकर के जरिए होता है। वह किसी के पैसे ट्रांसफर करने के बदले उससे कमीशन हासिल करते हैं।
‘हमने सोच रखा था कुछ भी हो जाए दुश्मन को नुकसान पहुंचाकर ही रहेंगे’, जानें कारगिल योद्धा का अनुभव
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था।
कारगिल युद्ध को पाकिस्तानी सेना ने क्या कोड नाम दिया था? यहां जानें
Kargil War 1999: इस युद्ध में पाकिस्तान ने न केवल अपने 700 सैनिक गंवा दिए बल्कि ऐसी मनोवैज्ञानिक मार भी खाई. जिससे वह आज तक उबर नहीं पाया है।
Kargil War: जब पाक सेना की मशीन गन से इस जवान ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, घायल होने के बावजूद दुश्मनों को किया ढेर
ऑपरेशन के दौरान चोटी पर पहुंचने के बाद राइफलमैन संजय कुमार पाकिस्तानी सेना के एक बंकर से की जा रही भारी गोलाबारी की चपेट में आ गए।
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कारगिल युद्ध (Kargl War) में भारत ने पाकिस्तान को हराकर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। भारत ने दिखा दिया था कि उनकी जमीन पर कब्जा करने की चाह रखने वालों को किस तरह से नेस्तनाबूद किया जाएगा।
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सेना ने अपनी भर्ती रैली को टालने का फैसला किया है। अब सेना भर्ती कार्यालय नई भर्ती की तारीख की घोषणा करेगा।
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वह अपने साथी जवानों के साथ पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा कब्जे वाली तोलोलिंग पहाड़ी की सीधी चट्टान पर रेंगते-रेंगते उस जगह पहुंचे थे जहां दुश्मन ने कई बंकर बना रखे थे।
Kargil War 1999: गोलियों की बौछार के बीच चोटियों पर पहुंचना था बेहद चुनौतीपूर्ण, फिर भी जीते हमारे जवान
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान कश्मीर हड़पने की फिराक में था लेकिन हमारे वीर जवानों के आगे उसका ये सपना कभी पूरा नहीं हो सका।
हर बार हारकर भी पाकिस्तान क्यों नहीं सुधरता? ये है वजह
India Pakistan Kashmir Issue: आजादी के तुरंत बाद कश्मीर के राजा ने भी भारत के साथ विलय को मंजूरी दी थी, और फिर पाकिस्तान के पैरों तले जमीन खिसक गई थी।
Kargil War: वे जवान जिनकी वीरता के किस्से आज भी लोगों की जुबां पर रहते हैं…
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में भीषण कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा। भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान (Pakistan) को चौथी बार जंग के मैदान में पटखनी दी थी।
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भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में इंडियन आर्मी (Indian Army) ने पाक सेना को बुरी तरह से हराया था।
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भारतीय सेना (Indian Army) के जवान जब-जब दुश्मनों के खिलाफ जंग के मैदान में उतरते हैं सब कांप उठते हैं। ऐसा ही 1999 के कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान भी हुआ था।
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यूं तो युद्ध में हर एक जवान की अपनी अलग भूमिका होती है लेकिन कुछ जवान अपनी बहादुरी से हमेशा याद रखे जाते हैं। ऐसे ही जवान थे सूबेदार मेजर कौशल कुमार शर्मा।