भारतीय सेना के पास है शक्तिशाली टैंक T-90 भीष्म, जानें क्या हैं इसकी खासियतें
Indian Army Weapons: टैंक का वजन 48 टन है इस वजह से यह एक हल्का टैंक ही माना जाता है। दिन हो चाहे रात यह हर समय इस्तेमाल किया जा सकता है।
Kargil War 1999: चुनौतियां भी थीं और जीत का लक्ष्य भी, ऐसे थे जंग के दिन
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) में भारतीय सेना (Indian Army) ने जबरदस्त पराक्रम दिखाया था। इस युद्ध में पाकिस्तान (Pakistan) को हराने के लिए हमारे जवान किसी भी हद तक गुजर गए थे।
Kargil War 1999: कर्नल अनुराग त्यागी ने बतौर लेफ्टिनेंट लिया था हिस्सा, जानें इनका अनुभव
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में भीषण लड़ाई लड़ी गई थी। इस युद्ध में दुश्मनों को बुरी तरह से हराया गया था। भारतीय सेना (Indian Army) के वीर सपूतों ने दुश्मनों को हर मोर्चे पर विफल साबित करने के लिए हर मुश्किल चुनौती का सामना किया था।
Kargil War: सेना के बलिदान ने हर भारतवासी का सीना किया गर्व से चौड़ा, इतनी आसान नहीं थी ये जीत
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने हर मोर्चे पर दुश्मनों को विफल किया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था।
Kargil War: रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने साझा किया अपना अनुभव, ये था पहला टारगेट
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने दुश्मनों को बुरी तरह से शिकस्त दी थी। सेना के जवानों ने दिखा दिया था कि भारत मां की जमीन पर आंख उठाने वालों का क्या हाल किया जाता है।
‘जब तक चिट्ठी पहुंचेगी, आपको आसमान से देख रहा होऊंगा’, कारगिल शहीद का आखिरी खत
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने जबरदस्त जीत हासिल की थी। कारगिल का नाम सुनते ही भारतीय जवानों के बहादुरी के किस्से याद आते हैं।
इस परमवीर का आखिरी खत पढ़ रो पड़ेंगे आप! देश के लिए दी थी कुर्बानी
कुछ सैनिक ऐसे होते हैं जिनके शौर्य के किस्से हमेशा याद किए जाते हैं। ऐसे ही एक जवान लेफ्टिनेंट प्रवीण तोमर (Lieutenant Praveen Tomar) भी थे। शहीद होने से पहले उन्होंने एक खत लिखा था।
कारगिल युद्ध 1999: लेह का वो रास्ता, जिसके खुलते ही सेना की मूवमेंट हो गई थी तेज, जानें पूरा मामला
पाकिस्तानी सैनिकों ने बेहद ही चालाकी के साथ उस रास्ते को रोक लिया था जहां से सेना के जवानों, हथियारों और अन्य जरूरी सामान की आवजाही होनी थी।
कारगिल युद्ध: वीर चक्र विजेता कैप्टन विजयंत थापर का आखिरी खत, शहीद होने से पहले कही थीं ये बातें
Captain Vijayant Thapar: भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए युद्ध में कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) ने बेहद ही अहम भूमिका निभाई थी।
Kargil War: युद्ध की कहानी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर की जुबानी, जानें कैसा था इनका अनुभव
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सैनिकों का पराक्रम इतना भयंकर था जिसे याद कर दुश्मन देश आज भी थर्र-थर्र कांप उठता होगा।
Kargil War: अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को होना पड़ा था शर्मिंदा, भारत को मिला था इन देशों का साथ
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का भीषण युद्ध ((Kargil War) लड़ा गया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय वीर सैनिकों ने जमकर प्रहार किया था। पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर ही हमारे वीरों ने राहत की सांस ली थी।
Kargil War: युद्ध में पाकिस्तानी सैनिकों पर कहर बनकर टूटी थी बोफोर्स तोप, जानें इनकी खासियत
स्वीडन की बनी यही तोप सेना के बेहद काम आई थी। बोफोर्स तोपों ने तोलोलिंग की चोटी के साथ ही द्रास सेक्टर की हर चोटी में छिपे दुश्मन पर निशाना लगाया था।
Kargil War: ये हैं परमवीर और महावीर चक्र विजेता, दुश्मनों पर कहर बनकर टूट पड़े थे
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। युद्ध में हमारे सैनिक दुश्मनों पर काल बनकर टूट पड़े थे
टाइगर हिल को 1999 के कारगिल युद्ध में क्यों अहम माना गया? यहां जानें
पाकिस्तान भी टाइगर हिल (Tiger Hill) की अहमियत को जानता था और वह इस पर कब्जा करने की फिराक में था लेकिन भारतीय सेना ने पहले ही इसपर कब्जा कर लिया था।
1999 का युद्ध: 18 हजार फीट की ऊंचाई और भारतीय सेना का शौर्य, जानें युद्ध से जुड़ी ये खास बातें
युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया। पाकिस्तान मानता है कि उसके करीब 357 सैनिक ही मारे गए थे। वहीं युद्ध में भारत के 527 जवान शहीद हुए।
सीजफायर की घोषणा होने तक अपनी पोस्ट से हटने से कर दिया था इनकार, ऐसे थे ‘परमवीर चक्र’ पाने वाले मेजर होशियार सिंह
15 दिसंबर 1971 के दिन को गोलंदाज फौज की तीसरी बटालियन का नेतृत्व मेजर होशियार कर रहे थे। बटालियन को आदेश दिया गया कि बसंतर नदी के पार तैनाती लें।
कारगिल युद्ध: …जब मिग विमानों के जरिए Air Force ने पाक के कब्जे वाले इलाकों पर गिराए बम
कारगिल युद्ध में सेना को लीड करने वाले कई अधिकारियों ने कई मौकों पर कहा है कि भारतीय वायुसेना के हवाई हमले से दुश्मन का मनोबल टूटा था।