लद्दाख में भारतीय सेना की एक और डिवीजन तैनात, चीन को मुंहतोड़ जवाब देंगे जवान!

चीन ने एलएसी के पार अपने सैनिकों की तैनाती में जबरदस्त बढ़ोत्तरी की है। चीन की शुरू से यह नीति रही है कि वह भारतीय सीमा में घुसकर थोड़ा पीछे होता है और बाकी की जमीन पर कब्जा कर लेता है।

Disengagement

(फाइल फोटो)

पीएम ने इशारों चीन को कड़ा संदेश दिया है। चीन के साथ विवाद थम नहीं रहा और जिस तरह गलवान में चीनी सेना ने भारत पर हमला बोला उसे देखते हुए सेना किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती।

चीन की चालबाजी देख लद्दाख में सेना की एक और डिवीजन को तैनात कर दिया गया है। जवानों को चौकस रहने के निर्देश दिए गए हैं। गलवान घाटी में 20 सैनिकों की शहादत के बाद भारतीय सेना किसी भी तरह की परिस्थिति का सामना करने के लिए मुस्तैद बताई जा रही है। पूर्वी लद्दाख में सेना की चौथी डिवीजन को तैनात कर दिया गया है इससे पहले तीन डिवीजन को समय-समय पर तैनात किया गया था। सभी डिवीजन ऑपरेशनल तैयारियों में जुटी हुई हैं।

चीन ने एलएसी के पार अपने सैनिकों की तैनाती में जबरदस्त बढ़ोत्तरी की है। चीन की शुरू से यह नीति रही है कि वह भारतीय सीमा में घुसकर थोड़ा पीछे होता है और बाकी की जमीन पर कब्जा कर लेता है।

यानी की अगर वह एक किलोमीटर भारतीय सीमा में घुसता है तो 500 मीटर ही पीछे हटता है और इस तरह 500 मीटर पर कब्जा जमा लेतेा है। लद्दाख में चीन से लगती हुई 856 किमी की सीमा है जो काराकोरम पास से शुरू हो कर दक्षिण लद्दाख में चुमुर तक जाती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे के बाद हलचल काफी तेज हो गई है। पीएम ने इशारों चीन को कड़ा संदेश दिया है। चीन के साथ विवाद थम नहीं रहा और जिस तरह गलवान में चीनी सेना ने भारत पर हमला बोला उसे देखते हुए सेना किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती।

सेना को फ्री हैंड कर दिया गया है और वह हथियारों का इस्तेमाल न करने के लिए बाध्य नहीं हैं। सेना को आशंका है कि दौलत बेग ओल्डी, डेपसांग प्लेन, गलवान घाटी, पेंगांग झील, डेमचौक, कोइल और चुमुर के इलाकों में चीनी सेना घुसपैठ कर सकती है।

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