परेड के दौरान एनसीसी कैडेट।
एनसीसीस को 1942 में ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय अधिकारी प्रशिक्षण कोर के उत्तराधिकारी के रूप में माना जा सकता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, यूओटीसी ब्रिटिशों द्वारा निर्धारित उम्मीदों पर कभी नहीं खरा उतरा।
नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) की स्थापना 15 जुलाई 1948 को हुई थी। एनसीसी के बारे में अक्सर लोगों के मन में कई सवाल होते हैं। मसलन एनसीसी क्या है, इसका क्या काम है और यह कैसे संचालित की जाती है। ऐसे कई सवाल आपके मन में भी होंगे। एक सवाल यह भी अक्सर पूछा जाता है कि एनसीसी का इतिहास क्या है और यह कैसे अस्तित्व में आया।
1947 में मिली आजादी के बाद से ही सेना को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास किए गए। उन दिनों सेना में जवानों की की कमी के चलते एनसीसी की स्थापनी की गई थी। 15 जुलाई 1948 को देश की तीनों सेना को मजबूती प्रदान करने के लिए एनसीसी की स्थापना की गई।
एनसीसीस को 1942 में ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय अधिकारी प्रशिक्षण कोर (यूओटीसी) के उत्तराधिकारी के रूप में माना जा सकता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, यूओटीसी ब्रिटिशों द्वारा निर्धारित उम्मीदों पर कभी नहीं खरा उतरा। इसके जरिए कॉलेज और स्कूल में छात्रों को बुनियादी सैन्य ट्रेनिंग दी जाती है।
बता दें कि नवंबर के चौथे रविवार को एनसीसी दिवस मनाया जाता है। एनसीसी कैडेट्स न सिर्फ रक्षा सेवा बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। कैडेट्स को धर्मनिरपेक्षता, उत्तम चरित्र, नेतृत्व की भावना और मिल जुल कर कार्य करना सिखाया जाता है। इसलिए समाज के हर वर्ग में एनसीसी कैडेट्स सफल साबित होते हैं। कैडेटों को सेना की तरह कपड़े पहनने होते हैं। पाकिस्तान के साथ 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान एनसीसी कैडेट्स ने सैन्य आपूर्ति में सेना की मदद की थी।
एनसीसी की अहमियत इस बात से लगाई जा सकती है कि राज्य और केंद्र सरकार की नियुक्तियों में एनसीसी कैडेट को प्राथमिकता मिलती है। यही नहीं एनसीसी का ‘सी’ सर्टिफिकेट प्राप्त कैडेट्स के लिए इंडियन मिलेट्री एकेडमी में 64 सीटें आरक्षित होती हैं।
15 जुलाई, 1948 के दिन राष्ट्रीय कैडेट कोर की स्थापना की गई थी, जानें इसके बारे में सबकुछ
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