ये हैं दुनिया की सबसे कमजोर सेनाएं, नहीं कर सकीं अपने नागरिकों की हिफाजत

किसी भी देश की सुरक्षा के लिए सेना या आर्मी सबसे अहम होती है। जिस देश की आर्मी जितनी ताकतवर होती है, वह देश उतना ही शक्तिशाली होता है।

Weakest Armies

जानते हैं दुनिया की सबसे कमजोर सेनाओं (Weakest Armies) के बारे में। Wearethemighty.com की एक रिपोर्ट में दुनिया की 10 सबसे खराब सेनाओं के बारे में बताया गया है।

किसी भी देश की सुरक्षा के लिए सेना या आर्मी सबसे अहम होती है। जिस देश की आर्मी जितनी ताकतवर होती है, वह देश उतना ही शक्तिशाली होता है। वैसे हम सेनाओं के शक्ति की बात हमेशा करते हैं, लेकिन आज जानते हैं दुनिया की सबसे कमजोर सेनाओं (Weakest Armies) के बारे में। Wearethemighty.com की एक रिपोर्ट में दुनिया की 10 सबसे खराब सेनाओं के बारे में बताया गया है।

यह लिस्ट किसी देश के पास मौजूद हथियारों के आधार पर तैयार नहीं की गई है। बल्कि ऐसे देशों को चुना गया है, जो अपने नागरिकों की रक्षा में फेल हो चुके हैं। बता दें कि युद्धग्रस्त देशों की सेना की दुनिया में सबसे खराब रैंकिंग है, क्योंकि जैसे 2012-13 में ISIS के आगे बढ़ने पर इराकी सेना ने घुटने टेक दिए थे। इसी कड़ी में अफगान सेना ने भी तालिबान के सामने घुटने टेक दिए।

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Wearethemighty.com की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की 10 सबसे खराब सेनाओं (Weakest Armies) की लिस्ट-

1. अफगानिस्तान- तालिबान की वापसी के बाद उनके सामने आत्मसमर्पण करने से ये कहना गलत नहीं होगा कि अफगान सेना ने दिखाया कि भले ही किसी भी सेना को कुशल लड़ाकू और आधुनिक सेना बनाने के लिए उस पर दशकों तक खूब खर्च और कोशिशें की जाएं, लेकिन लड़ने की इच्छाशक्ति की कमी इस सब पर पानी फेर देती है।

2. सऊदी अरब- तेल समृद्ध इस देश ने अपनी सेना के आधुनिकीकरण के लिए अरबों खर्च किए हैं, मगर युद्ध के मैदान पर इसका प्रदर्शन निराश करने वाला ही रहा है, क्योंकि ये बार-बार पड़ोसी यमन में हौथी उग्रवादियों के खिलाफ अपनी पकड़ बनाने में विफल रही है।

3. मंगोलिया- कभी दुनिया को हिला देने वाले साम्राज्य के मंगोलियाई सशस्त्र बल अब दो महाशक्तियों- चीन और रूस के बीच फंस गए हैं।

4. ताजिकिस्तान- पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा, देश को कम पेस्केल और आंतरिक तनाव को देखते हुए एक स्थायी सेना को बनाए रखने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण कुछ साल पहले गृह युद्ध भी हुआ था।

5. फिलीपींस- द्वीपसमूह न केवल महाशक्तियों के आक्रमणों का, बल्कि आतंकवाद का भी शिकार रहा है। कट्टरपंथी संगठनों और गिरोहों के साथ आंतरिक शांति का उल्लंघन करने और आक्रामक चीन की तरफ से अपनी समुद्री सीमा में घुसपैठ करने के साथ, मनीला को अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए अपनी सेना को आगे बढ़ाने की जरूरत है।

6. नाइजीरिया- वो अफ्रीकी राष्ट्र, जो प्राकृतिक संसाधनों की एक विशाल संपदा का घर है, लेकिन गृहयुद्ध, समुद्री डकैती और हाल ही में बोको हराम के नेतृत्व वाले इस्लामी चरमपंथ से तबाह हो गया और इन सभी कारणों से वहां की सेना की क्षमता और दक्षता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

7. इरिट्रिया- इरिट्रिया की सेना अफ्रीका में सबसे बड़ी सेना में से एक है, लेकिन ये मुख्य रूप से जबरदस्ती भर्ती किये गए लोगों से बनी है, जिसका मतलब है कि देश के हर एक नागरिक को अनिवार्य रूप से सेना में शामिल होना चाहिए। इसके बावजूद देश में युद्ध जीतने की ताकत नहीं दिखती।

8. उत्तर कोरिया- हर्मिट साम्राज्य को अपनी परमाणु क्षमता को देखते हुए एक वैश्विक खतरा माना जाता है, लेकिन फिर भी इसकी सेना युद्ध की स्थिति में बराबर की टक्कर नहीं दे सकती है, क्योंकि इसकी सेना के पास बहुत कम विकसित हथियार हैं।

9. इराक- कभी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना, इराकी ग्राउंड फोर्सेज, अब काफी कमजोर हो गई है। यही वो सेना थी, जिसने पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन के शासन में विनाशकारी सैन्य अभियानों को अंजाम दिया और बाद में अमेरिकी फोर्स ने देश के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की। ISIS के उदय के बाद गृहयुद्ध ने इराकी ग्राउंड फोर्सेस को उजागर कर दिया, जो अब कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए भाड़े के सैनिकों पर निर्भर है।

10. कोस्टा रिका- ये हैरानी की बात नहीं है कि दक्षिण-अमेरिकी राष्ट्र इस लिस्ट में है, क्योंकि उसके पास अपनी एक स्थायी सेना नहीं है। कोस्टा रिका में कानून प्रवर्तन के लिए छोटी यूनिट्स हैं, लेकिन उनके पास कोई स्थायी सेना नहीं है।

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