नक्सलवाद का सच

झारखंड और बिहार की पुलिस लगातार अपनी सीमा में संयुक्त रुप से अभियान चला रही है, जिसमें कई नक्सली पुलिस की रडार पर हैं।

नक्सलियों (Naxalites) द्वारा शहीदी सप्ताह की घोषणा के साथ ही सुरक्षा बल भी पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। अलर्ट जारी कर नक्सलियों की हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। जवान नक्सल प्रभावित अंदरूनी इलाकों तक गश्ती पर पहुंच रहे हैं।

एडीजी ने आशंका जताई है कि शहीदी सप्ताह के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ सुरक्षाकर्मी और पुलिस पिकेट पर भी नक्सली हमला हो सकता है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में सुरक्षाबलों ने एक इनामी महिला नक्सली को गिरफ्तार कर लिया।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित बीजापुर (Bijapur) जिले से सुरक्षाबलों ने एक नक्सली (Naxali) को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी 30 जुलाई को हुई। गिरफ्तार नक्सली (Naxalites) अपहरण, पुलिस पार्टी पर हमला और हत्या जैसी वारदातों में शामिल रहा है।

खूंखार नक्सली (Naxals) इस वक्त शहीद सप्ताह मना रहे हैं। नक्सलियों ने 28 जुलाई से लेकर 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह मनाए जाने का ऐलान किया था।

NIA के एक प्रवक्ता ने बताया कि एजेंसी ने 28 जुलाई को दंतेवाड़ा के रहने वाले तीन युवकों को गिरफ्तार किया है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में नक्सली (Naxals) 28 जुलाई से 3 अगस्त के बीच शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। इस दौरान नक्सली सक्रिय हो जाते हैं। वे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए के लिए हमले (Attack) करते हैं।

इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शहीदी सप्ताह के पहले ही दिन पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ के बाद माओवादी कैंप छोड़कर भाग गए ।

गश्त पर निकले सैनिकों को संदेह हुआ और जांच में 10 किलो आईईडी बरामद की गई। जिसे निष्क्रिय कर दिया गया है।

छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में जवानों ने एक बार फिर नक्सलियों के स्मारक (Naxali Monument) को ध्वस्त किया है। जिले के किरन्दुल के गुमियापाल-रैयपारा जंगल में नक्सली कमांडर पोड़िया का स्मारक डीआरजी के जवानों ने ध्वस्त किया।

'नक्सलवाद' (Naxalism) सिर्फ देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं है बल्कि राजनीतिक और आर्थिक समस्या के साथ-साथ एक विकट सामाजिक समस्या भी है।

हैरानी की बात ये है कि नक्सली जिनकी मदद से यह काम करते हैं, उन्हें भी मौत के घाट उतारने से नहीं कतराते हैं।

नक्सलियों से मुख्यधारा में आने की अपील करते हुए शासन की पुनर्वास नीति के तहत इनाम की राशि दिए जाने का संकल्प भी दोहराया गया है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलियों (Naxalites) ने एक बार फिर अपनी मापाक हरकत को अंजाम दिया है। नक्सलियों (Naxals) ने यहां सुरक्षाबलों के कैंप पर गोलीबारी की है।

टेरर फंडिंग केस में एनआइए अबतक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, इस मामले में अबतक दिनेश गोप की तलाश पुलिस को है।

गिरफ्त में आए नक्सली का नाम नंदा कुंजाम है और वह मलंगिर एरिया कमेटी के पिरनार पंचायत कमेटी का अध्यक्ष था।

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