सांकेतिक तस्वीर।
गढ़चिरौली एसपी शैलेश बलकवड़े ने बताया कि नक्सल सप्ताह को देखते हुए 27 जुलाई की दोपहर को जवान गश्त पर निकले थे। रेगड़ी-कोटमी के जंगल वाले रास्ते पर सड़क में आईईडी प्लांट होने का संदेह हुआ।
सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों (Naxalites) पर लगातार हो रही कार्रवाई से नक्सली बौखलाए हुए हैं। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से आईईडी लगाया था। गश्त पर निकले सैनिकों को संदेह हुआ और जांच में 10 किलो आईईडी बरामद की गई। जिसे निष्क्रिय कर दिया गया है।
28 जुलाई से 3 अगस्त के बीच नक्सली शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। इसके लिए क्षेत्र में पर्चे भी बांटे गए थे। इन पर्चों में एक साल में 105 नक्सलियों के मारे जाने की बात कही गई थी। नक्सली अपने साथियों के मारे जाने से बौखला गए हैं। वह बड़ी वारदात कर लोगों को अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाना चाहते हैं। इसीलिए सुरक्षाबलों के वाहनों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से उन्होंने आईईडी लगाया था।
ये भी पढ़ें- चीन और पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों की तुलना में कितना बेहतर है भारत का राफेल?
गढ़चिरौली एसपी शैलेश बलकवड़े ने बताया कि नक्सल सप्ताह को देखते हुए 27 जुलाई की दोपहर को जवान गश्त पर निकले थे। रेगड़ी-कोटमी के जंगल वाले रास्ते पर सड़क में आईईडी प्लांट होने का संदेह हुआ। जांच के बाद आईईडी की पुष्टि होने पर जवानों ने उच्चाधिकारियों को सूचित किया। जिसके बाद घटनास्थल पर बम निरोधक दस्ते को बुलाकर बम डिफ्यूज कराया गया।
एसपी से मिली जानकारी के अनुसार आईईडी का वजन 10 किलो था। इतनी ज्यादा मात्रा में आईईडी से बड़ा विस्फोट हो सकता था। मामले को गंभीरता से लेकर घटना की जांच की जा रही है।
ये भी देखें-
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App