नक्सलवाद का सच

दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल थाना क्षेत्र के हिरोली ग्राम पंचायत के 11 नक्सलियों (Naxalites) ने 22 जुलाई को सरेंडर (Surrender) कर दिया। इन नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले में नक्सल उन्मूलन के तहत चलाए जा रहे 'लोन वर्राटू' अभियान के तहत नक्सली विचारधारा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है।

नक्सलियों ने गांव में देर रात एक बैठक बुलाई थी और ये आदेश दिया था कि बनी हुई सड़क को...

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित बस्तर (Bastar) जिले में इनामी महिला नक्सली (Woman Naxali) ने पुलिस (Police) के सामने सरेंडर (Surrender) कर दिया। यह नक्सली कटेकल्याण एरिया कमेटी की सदस्य और चेतना नाट्य मंडली की अध्यक्ष रही है।

लाल आतंक का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में शामिल होनेवाले नक्सली सब जोनल कमांडर ( Naxali Commander) अखिलेश मांझी ने बताया कि संगठन में उसके साथ अमानवीय व्यवहार होता था। उसे बंधक बनाकर रखा जाता था।

दंतेवाड़ा (Dantewada) में नक्सलियों (Naxalites) को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रशासन ने 'लोन वर्राटू' यानी 'घर वापसी' अभियान शुरू किया है। इसके तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Surrendered Naxals) को उनका मनचाहा रोजगार दिया जाएगा।

झारखंड (Jharkhand) के जमशेदपुर में नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ एक और कामयाबी मिली है। नक्सली गतिविधियों में सक्रिय रहे डुमरिया एरिया कमांडर सोबन मार्डी और उसकी पत्नी उर्मिला मेलगांडी ने 13 जुलाई को जमशेदपुर न्यायिक दंडाधिकारी प्रज्ञा वाजपेयी की कोर्ट में आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया।

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) पर नकेल कसने की पुलिसिया कोशिश रंग ला रही है। पुलिस ने यहां बुधवार (15-07-2020) को बताया कि दंतेवाड़ा में 5 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इनमें से तीन नक्सलियों पर 5 लाख रुपए का इनाम था।

तेलंगाना से आने वाले प्रवासी मजदूरों ने संक्रमण का फैलाव किया है। इस नक्सली इलाके में संक्रमण फैलने से नक्सली मूवमेंट में भी कमी आई है। बहुत से नक्सली (Naxali)जंगल छोड़कर इलाज कराने के लिए मुख्यधारा में लौट रहे हैं।

ओडिशा (Odisha) के मलकानगिरि जिले में नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ पुलिस को कामयाबी मिली है। मलकानगिरी जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी ऋषिकेश खिलारी के सामने दो इनामी नक्सलियों ने आत्मसर्पण (Surrender) कर दिया।

दंतेवाड़ा में एक नक्सली दंपति (Naxali Couple) ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक पल्लव के समक्ष एक नक्सली दंपति ने आत्मसमर्पण किया।

बिहार (Bihar) के बांका जिला में पुलिस को नक्सलवाद (Naxalism) के खिलाफ एक और कामयाबी मिली है। पिछले पांच सालों से फरार चल रहे एक नक्सली (Naxali) ने पुलिस के सामने सरेंडर (Surrender) कर दिया।

झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह जिले के पीरटांड़ थाना अंतर्गत पिपराटांड़ गांव में शनिवार (13 जून) की सुबह हार्डकोर नक्सली (Naxali) सुरेश मरांडी का सेंदरा करने एवं आठ लोगों को घर में बंद कर आग लगाने की मामले में पीरटांड़ थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद (Naxalism) के खिलाफ प्रशासन को लगातार सफलता मिल रही है। नक्सली विचारधारा से त्रस्त होकर और सरकार की पुनर्वास नीतियों से प्रभावित होकर नक्सली (Naxali) लगातार लाल आतंक (Red Terror) का रास्ता छोड़ मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।

प्रशासन द्वारा नक्सलियों पर जबरदस्त प्रहार का असर दिखने लगा है। कई बड़े नक्सली (Naxals) या तो घेर कर ढेर कर दिए गए हैं या फिर उन्होंने कानून के डर से सरेंडर कर दिया है। अब सुकमा में एक साथ 7 नक्सलियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सामने घुटने टेक दिए।

नक्सल संगठन की प्रताड़ना से तंग आकर छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली दंपति ने सरेंडर कर दिया। दोनों ने 7 जून को बीजापुर पुलिस के सामने अत्मसमर्पण कर दिया। डीआईजी सीआरपीएफ कोमल सिंह और पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप के सामने दोनों ने सरेंडर (Surrender) किया।

झारखंड (Jharkhand) में एक इनामी नक्सली (Naxali) ने अपनी प्रेमिका के साथ पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। सरेंडर नक्सली जोड़े (Naxal Couple) ने बताया कि वे एक-दूसरे से प्यार करते हैं और लाल आतंक का रास्ता छोड़कर अपना घर बसाना चाहते हैं।

इन नीतियों का मुख्य उद्देश्य है नक्सलियों को आत्मसमर्पण (Surrender) के लिए प्रोत्साहित करना ताकि वे खून-खराबे की जिंदगी को छोड़कर मुख्यधारा में लौट आएं और सुकून की जिंदगी जिएं। साथ ही देश और समाज के विकास में अपना योगदान दें।

यह भी पढ़ें