Naxals

मुठभेड़ के बाद घटनास्थल के सर्च ऑपरेशन के दौरानएक नक्सली का शव, एक पिस्टल, पांच किलोग्राम वजनी बारूदी सुरंग, एक नक्सली वर्दी और अन्य सामान बरामद किया गया।

पिछले कुछ महीनों में जिले में प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे पुना नर्कोम अभियान के तहत इनामी सहित करीब 200 नक्सलियों ने हिंसा छोड़ मुख्य धारा में लौट चुके हैं।

घटनास्थल की छानबीन के दौरान सुरक्षाबलों को दो महिला नक्सलियों (Naxalites) के शव के साथ 12 बोर की एक बंदूक, एक नौ एमएम की पिस्तौल, कार्डेक्स वायर, विस्फोटक सामग्री और माओवादी से जुड़े अन्य सामान बरामद हुये।

पुलिस टीम ने घटनास्थल से एक नक्सली पर्चा भी बरामद किया है जिसमें नक्सलियों (Naxalites) ने जवान की हत्या की जानकारी दी है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर अपनी छानबीन शुरू कर दी है।

लोन वर्राटू अभियान के तहत अकेले दंतेवाड़ा में ही 130 इनामी नक्सली सहित करीब सवा पांच सौ नक्सलियों ने हथियार छोड़ सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।

खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के बाद सुरक्षाबलों की टीम गठित कर जिले के अरनपुर थानाक्षेत्र के बुरगुम इलाके में छानबीन के लिए भेजा गया। इसी दौरान जंगल में घात लगाये बैठे नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी।

एक पुलिया के निर्माण कार्य के दौरान ही ग्रामीणों की वेषभूषा में आये कुछ नक्सलियों (Naxalites) ने वहां काम पर लगे इंजीनियर अशोक पवार और राज मिस्त्री को अगवा कर लिया।

25 वर्षीय नक्सली मंगलू पोयाम (Naxalite) ने शनिवार को पुलिस के सामने हथियार डाल दिये। उसने नक्सलियों की खोखली विचारधारा और प्रशासन द्वारा दिये जा रहे पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ा है।

इस घटना में सीआरपीएफ 168वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट एस बी टिर्की शहीद हो गये, जबकि अप्पा राव नाम का एक जवान घायल हो गया। फिलहाल पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।  

सभी नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी और सीआरपीएफ के डीआईजी विनय कुमार सिंह की मौजूदगी में अपने हथियार डाल दिये इनके खिलाफ जवानों के खिलाफ हमले सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

डिकेएमएस का अध्यक्ष व एक लाख का इनामी कुख्यात नक्सली मंगडू उर्फ मंगल सोढ़ी ने अपने दो साथियों सुक्का उर्फ केदार मंडावी और जोगा मडकाम के साथ सरेंडर कर दिया है।

नक्सलियों (Naxalites) की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। साथ ही जंगल से बरामद वाहन को गोरखा स्थित सुरक्षाबलों के कैंप में लाकर ड्राइवर को सौंप दिया गया।

एनकाउंटर के बाद घटनास्थल की छानबीन के दौरान सुरक्षाबलों के हाथ एक घायल नक्सली लग गया। जो जवानों की जवाबी कार्रवाई में घायल हो गया था। इस नक्सली की पहचान बदरू मोडीमय उर्फ डल्ला के तौर पर हुई है।

सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा में लगे सीआरपीएफ की कोबरा 201 बटालियन व डीआरजी के जवानों पर नक्सलियों (Naxalites) के समूह ने फायरिंग कर दी। जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गया।

सरेंडर करने वालों में तीन नक्सलियों (Naxalites) पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। वहीं इस दौरान 8 महिला नक्सलियों ने भी सरेंडर किया। इस दौरान सुरक्षाबलों ने कैंप में आये सभी ग्रामीणों और नक्सलियों के भोजन की व्यवस्था भी की थी।

घटनास्थल की छानबीन के दौरान सुरक्षाबलों ने मृतक नक्सली का शव बरामद किया साथ ही वहां से एक बंदूक, कुकर बम, पिठ्‌ठू बैग और नक्सली सामान बरामद किया है।

गिरफ्तार नक्सली (Naxalite) आईटीबीपी दो अधिकारियों की हत्या कर एके-47 रायफल, मैग्जीन, राउण्ड और बुलेट प्रूफ जैकट और मोटोरोला सेट लूट की  घटना में शामिल था।

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