Naxals

सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ पुलिस टीम पर हमला, सड़कों और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और संगठन के सदस्यों के लिए भोजन की व्यवस्था करने का आरोप है। 

औरंगाबाद पुलिस को खबर मिली कि नक्सली धर्मेंद्र गया से भाग कर औरंगाबाद के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में भागने की कोशिश कर रहा है। इस सूचना के आधार पर एसएसबी की टीम ने जाल बिछा कर औरंगाबाद से ही उसे दबोच लिया।

पुलिस को लंबे समय से भीमा की तलाश थी। लेकिन शुक्रवार को हुये एनकाउंटर (Naxal Encounter) में भीमा को मार गिराने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है

गिरफ्तार नक्सलियों में 41 वर्षीय पंचायत कमेटी अध्यक्ष वेलकम मल्ला उर्फ मलैया, 40 वर्षीय मिलिशिया सेक्शन कमांडर माड़वी पोज्जा और दंडाकरण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष 41 वर्षीय गटपल्ली मुत्ता शामिल हैं।

गिरफ्तार नक्सलियों ने ही हाल ही में एक स्थानीय ठेकेदार पर हमला किया था और उससे 30 लाख रुपये की जबरन लेवी की मांग की थी। इन सभी के खिलाफ गुवा थाने में आईपीसी की कई धाराओं में मामला दर्ज है

छोटेडोंगर थाना क्षेत्र में डीआरजी की टीम गश्त कर रही थी। छानबीन के दौरान जब पुलिस टीम बहकेर गांव के जंगलों में घुसी ही थी तभी पहाड़ी पर छिपे नक्सलियों (Naxalites) ने पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।

मुठभेड़ में मारा गये नक्सली की पहचान 5 लाख रुपये के इनामी रमशु के तौर पर हुई है। जो कि संगठन के प्लाटुन नंबर 19 का सेक्शन कमांडर था। इसके पास से जवानों ने एक पिस्टल और कुछ विस्फोटक भी जब्त किया है।

सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के पास से बड़ी संख्या में हथियार और गोलाबारुद भी जब्त किया है। जिनमें 35 डेटोनेटर, 6 जिलेटिन की छड़ें, 2 आईईडी, बैटरियां, तार और अन्य सामग्रियां हैं।

सभी नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ आस-पास के थानों में कई मामले दर्ज हैं। ये वर्षों से नक्सल संगठन में सक्रिय थे और हत्या की कोशिश, सड़क तोड़ना, फिरौती, पुलिस टीम पर हमला और पोस्टर-बैनर चस्पा करने जैसे कई अपराधों में शामिल थे।

मुठभेड़ के बाद घटनास्थल की छानबीन के दौरान डीआरजी के जवानों ने एक 12 बोर की बंदूक, दो देसी रिवाल्वर, एक मज्जल लोडिंग गन, दो आईईडी, तार, दवाएं, माओवादी साहित्य और अन्य दैनिक इस्तेमाल की वस्तुएं बरामद की हैं।

समर्पण करने वाले नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ जिले के कई थानों में सड़क छतिग्रस्त करने, आइईडी विस्फोटक लगाने, बैनर पोस्टर लगाने, पुलिस टीम पर हमला करने व हथियार लूटने और स्कूल परिसर में तोड़-फोड़ करने जैसे कई मामले दर्ज हैं।

गिरफ्तार नक्सली मरकाम (Naxali Markam) पर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। गिरफ्तार नक्सली बुर्कापाल की घटना में शामिल था, जिसमें 25 जवान शहीद हुए थे।

आत्मसमर्पण (Surrender) करने वाले नक्सलियों (Naxalites) में सभी सुकमा जिले के ही दस अलग-अलग गांवों के रहने वाले हैं। सभी नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के सामने आत्मसमर्पण किया है।

नक्सली अक्कीराजू (Naxali Akkiraju) माओवादियों के आंध्र-उड़ीसा बॉर्डर स्टेट कमेटी का सचिव रह चुका है। छत्तीसगढ़ से लगी आंध्र प्रदेश और उड़ीसा की सीमा पर नक्सल गतिविधियों की निगरानी कर रहा था।

पिछले कुछ महीनों से नक्सलियों के द्वारा सुरक्षाबलों को टारगेट करने के लिए गोरिल्ला तकनीक से हमला करने की घटनायें बढ़ी हैं। नक्सली आमने-सामने की लड़ाई को छोड़कर सुरक्षाबलों पर छिप कर वार कर रहे हैं।

गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली थी कि तुलसी संरक्षित जंगल में करीब 30 से 40 नक्सली मौजूद थे, जिसमें करीब 5 नक्सल कैडर थे। ये नक्सली पिछले दो दिन से यहीं शिविर डालकर रह रहे थे।

सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Naxalites)  के ​खिलाफ पुलिस टीम को नुकसान के लिए बारूदी सुरंग में विस्फोट करने, ग्रामीणों की हत्या करने व अन्य नक्सली घटनाओं में संलिप्त होने का आरोप है।

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