Naxalism

गिरफ्तार नक्सली ने ही विधानसभा चुनाव 2020 में नक्सल पर्चा, बैनर साटकर दहशत फैलाने की योजना थी। वोटरों को भी डराने-धमकाने-बहकाने की साजिश रची गई थी।

नक्सली राजेंद्र (Naxalite) खिलाफ नक्सली कांड, हत्या व आर्म्स एक्ट के तहत आधा दर्जन केस दर्ज हैं। वहीं, पिपरा गांव में 2004 में हुए हत्याकांड व 2008 में हुए तिहरे हत्याकांड में भी वह नामजद अभियुक्त है।

सरकार जहां एक ओर नक्सलियों का प्रभाव कम करने के लिए रणनीति बनाने पर जोर दे रही है, वहीं इस इलाके में कारोबार के विस्तार पर खास ध्यान दे रही है।

सूत्रों की मानें तो 10 लाख का इनामी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक के साथ 5 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर कर दिया है और अपने साथियों के गुप्त ठिकानों की सूचनाएं दे रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद (Naxalites) एक बड़ी समस्या है। हालांकि इस पर काबू पाने की लगातार कोशिश की जारी है। ऐसे में राज्य के DGP डीएम अवस्थी ने बयान दिया है।

सक्रिय नक्सलियों (Naxalites) की घर वापसी के लिए लोन वर्राटू अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 110 इनामी नक्सली सहित कुल 412 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।

नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों ने एक नक्सली दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष 35 वर्षीय सुखराम कवासी को गिरफ्तार किया है।

पुलिसिया पूछताछ में गिरफ्तार शख्स ने खुद की पहचान नक्सली कमांडर प्रद्युमन शर्मा उर्फ कुंदन उर्फ साकेत उर्फ लुल्ला बताया। प्रद्युमन साल 2003-04 से ही नक्सली संगठन के लिए काम कर रहा था।

ये नक्सली साल 2019 में इन्ड्रीपाल गांव में हुये एनकाउंटर में भी शामिल था,  जिसमें सुरक्षाबलों ने एक नक्सली (Naxali) को मार गिराया था, लेकिन फिर वहां से ये भाग निकलने में सफल रहा था।

जनवरी 2020 से 31 जुलाई 2021 तक कुल 688 माओवादियों (Maoists) को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान पुलिस एनकाउंटर में 18 मारे भी गए और 25 ने पुलिस के सामने सरेंडर (Surrender) भी कर दिया।

गिरफ्तार माओवादियों (Maoists) के खिलाफ सड़क खोदकर मार्ग अवरुद्ध करने, हत्या के मामले में शामिल होने और नक्सली बैनर पोस्टर लगाने के आरोप हैं।

डीआईजी ने सभी नक्सलियों के परिजनों से सरकार के सरेंडर नीति के तहत हथियार डालने वाले वाले नक्सलियों को मिलने वाली सहायता राशि दोगुनी कर दी है। 

नक्सली के घर की तलाशी में 9 एमएम का एक कार्बाइन, दो मैगजीन व तीन पीस 9एमएम का जिंदा कारतूस बरामद किया गया है।

ये वे गांव हैं, जहां कभी नक्सलियों (Naxalites) का वर्चस्व था और लोग डर के साये में जीते थे। लेकिन अब यहां के ग्रामीण एक नई जिंदगी जिएंगे, जहां उन्हें जिंदगी जीने की पूरी आजादी मिलेगी।

नक्सली सुखराम (Naxalite) फिर से दहशत फैलाने कर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में जंगल में पहुंचा था। लेकिन जवानों ने उसे समय रहते गिरफ्तार कर लिया।

नक्सली (Naxalites) अन्य तरीकों से संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं। वे देश के दूसरे हिस्सों में अपने पैर फैलाने की कोशिश में हैं।

भंडरा प्रखंड के धनामुंजी गांव के दानियल (Daniel) लकड़ा कभी नक्सली कमांडर थे, लेकिन अब वह राइफल को छोड़कर खेती कर रहे हैं।

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