झारखंड: रोजगार नहीं होने की वजह से बना था नक्सली कमांडर, सरेंडर करने के बाद कर रहा खेती

भंडरा प्रखंड के धनामुंजी गांव के दानियल (Daniel) लकड़ा कभी नक्सली कमांडर थे, लेकिन अब वह राइफल को छोड़कर खेती कर रहे हैं।

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साल 2006 में दानियल (Daniel) ने नक्सलवाद का रास्ता चुना था और वह नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सदस्य थे। वह खूंटी क्षेत्र में घटनाओं को अंजाम देता था।

लोहरदगा: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है। इस बीच एक ऐसे शख्स की कहानी सामने आई है, जिसके हाथों में कभी बंदूक थी, लेकिन आज वह शख्स कुदाल लेकर खेती कर रहा है।

भंडरा प्रखंड के धनामुंजी गांव के दानियल लकड़ा कभी नक्सली कमांडर थे, लेकिन अब वह राइफल को छोड़कर खेती कर रहे हैं। दानियल (Daniel) पर्यावरण संरक्षण के लिए भी लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।

साल 2006 में दानियल (Daniel) ने नक्सलवाद का रास्ता चुना था और वह नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सदस्य थे। वह खूंटी क्षेत्र में घटनाओं को अंजाम देता था। दानियल का कहना है कि रोजगार ना होने की वजह से उसने नक्सली बनने का रास्ता चुना था।

साल 2013 तक दानियल नक्सली गतिविधियों में शामिल रहे। इसके बाद उन्होंने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। उनको सरेंडर करवाने में उनकी पत्नी और परिवार ने अहम भूमिका निभाई।

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जेल से बाहर आने के बाद अब दानियल एक आम जिंदगी जी रहे हैं और समाज की मुख्यधारा से जुड़कर भटके हुए लोगों को भी संदेश दे रहे हैं।

हालांकि दानियल को सरेंडर करने के बाद जो सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए, वो अभी नहीं मिल पाई हैं, लेकिन उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो ने कहा है कि दानियल को जल्द सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।

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